Flight From Meerut: बस दो साल इंतजार, मेरठ से छोटे शहरों के लिए हवाई उड़ान का आनंद उठा सकेंगे शहरवासी
Flight From Meerut मेरठ से ‘उड़ान’ में अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों का होगा पालन। अगस्त के पहले हफ्ते में आ सकती है टेक्निकल टीम। ओएलएस सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है एएआइ। मेरठ से उड़ान के लिए गंभीरता से किया जा रहा विचार।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Flight From Meerut हवाई उड़ान शुरू करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया की प्रक्रिया धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। ओएलएस सर्वे रिपोर्ट एएआइ को सौंपी जा चुकी है। अब टेक्निकल टीम के अगस्त के प्रथम सप्ताह में आने की उम्मीद जताई जा रही है। हवाई पट्टी पर लगने वाले तकनीकी अधिष्ठापनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदित मानकों का पालन किया जाएगा, इसके लिए टीमें तैयारी में जुटी हैं।
छोटे शहरों के लिए उड़ान
इस प्रक्रिया में लगभग दो साल का समय लगने की संभावना है। इसके बाद ही छोटे शहरों के लिए हवाई उड़ान का रास्ता साफ हो पाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया (एएआइ) ने डा. भीमराव आंबेडकर हवाई पट्टी से उड़ान की कवायद शुरू की है। दिल्ली की टीम ने एक से आठ जुलाई तक हवाई पट्टी का ओएलएस सर्वे किया था, जिसकी रिपोर्ट एएआइ को सौंपी जा चुकी है।
डिजिटल मानचित्र पर भी काम
रिपोर्ट के अध्ययन के साथ ही डिजिटल मानचित्र पर भी काम चल रहा है। संभावना जताई जा रही है कि टेक्निकल टीम एवं फायर से जुड़े विशेषज्ञ अगस्त के प्रथम सप्ताह में हवाई पट्टी का दौरा करेंगे। बताया गया है कि यहां लगने वाले तकनीकी अधिष्ठापन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित होंगे। सर्वे रिपोर्ट में आसपास के कुछ भवनों और विद्युत हाईटेंशन लाइन को उड़ान में बाधक माना गया है। हाईटेंशन लाइन को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना है।
एएआइ की कछुवा चाल
वर्ष 2014 में हवाई पट्टी को विस्तार और विकास के लिए एएआइ को सौंपा गया था, लेकिन एएआइ की कार्यवाही कछुवा गति से चल रही है। केंद्र सरकार ने मेरठ की हवाई पट्टी से विभिन्न शहरों के बीच लोकल हवाई सेवा उपलब्ध कराने के लिए इसे उड़ान 4.1 योजना में शामिल किया था, लेकिन काफी समय तक आसपास की जमीन इसकी राह में रोड़ा बनी रही। एएआइ अब तक तीन बार प्रदेश सरकार को नक्शा देकर आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने की मांग कर चुकी है। सरकार ने स्थानीय प्रशासन से खर्च का आकलन कराया है। भूमि खरीद के लिए 362 करोड़ रुपये की जरुरत होगी।
प्रशिक्षण केंद्र भी बनेंगे
हवाई पट्टी की उपलब्ध भूमि के अलावा आसपास के गांव गगोल, कंचनपुर घोपला, अजीजपुर और काशी गांव की करीब 200 हेक्टेयर जमीन का सदर तहसील प्रशासन द्वारा सर्वे करा लिया गया है। जमीन चिन्हित कर ली गई है। तहसील प्रशासन का कहना है कि जब भी एएआइ की ओर से रिकार्ड मांगा जाएगा, उन्हें तत्काल उपलब्ध करा दिया जाएगा। वहीं, मेरठ समेत दस स्थानों पर पायलट प्रशिक्षण केंद्र भी खोले जाएंगे। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद टेंडर प्रक्रिया चल रही है। परतापुर की डा.भीमराव आंबेडकर हवाई पट्टी पर प्रशिक्षण क्लब भी बनाया जाना है। प्रशिक्षण संस्थान को लीज पर देने के लिए फीस भी निर्धारित की गई है।
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