UP Board: यूपी बोर्ड के स्कूलों में एक हाथ किताब और दूसरे हाथ में होगा माउस, वाई फाई सुविधा की भी तैयारी
UP Board Computer Education इस सत्र में माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा और शिक्षण में आइटी के इस्तेमाल पर है जोर स्कूलों का विवरण लेकर होगी कार्यवाही। वहीं दूसरी ओर 100 दिनों में परिसर में वाई-फाई की व्यवस्था करने को कहा गया है।
अमित तिवारी, मेरठ। यूपी बोर्ड इस सत्र में माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा पर जोर दे रहा है। राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य करते हुए स्कूलों में व्याप्त संसाधनों का विवरण मांगा है। विवरण के आधार पर ही विद्यालयों में अतिरिक्त संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। कंप्यूटर शिक्षा के साथ ही शिक्षण पद्धति में भी इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करेंगे। इतिहास, भूगोल जैसे विषयों से जुड़ी जानकारी क्लास में ही इंटरनेट पर देखने के साथ ही विज्ञान व गणित विषयों से संबंधित सिद्धांत भी सामने रखकर शिक्षक पढ़ा सकेंगे।
इसीलिए स्कूलों में लगेंगे वाई-फाई
माध्यमिक स्कूलों को 100 दिनों में परिसर में वाई-फाई की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं की ई-मेल आइडी भी बनवाई जा रही है। छात्रों को ई-मेल का इस्तेमाल करना, पंजीकरण में मोबाइल नंबर और ई-मेल को जोड़ना आदि व्यवस्था इस बार हो रही है। इसके साथ ही स्मार्टक्लास के जरिए छात्रों को कक्षा के पठन-पाठन के साथ दुनिया में पठन-पाठन की स्थित से इंटरनेट के जरिए बताएंगे। वहीं आनलाइन शिक्षा से जुड़े सरकारी व गैर-सरकारी प्लैटफार्म से भी छात्रों को अवगत कराया जाएगा।
पढ़ाई से परीक्षा तक सब डिजिटल
स्कूलों की प्रवेश प्रक्रिया से लेकर बोर्ड परीक्षा तक हर कार्य डिजिटल तरीके से हो रहा है। कक्षा नौवीं-11वीं में आनलाइन अग्रिम पंजीकरण से 10वीं-12वीं के बोर्ड परीक्षा फार्म तक हर व्यवस्था आनलाइन हो चुकी है। बोर्ड परीक्षा के लिए स्कूलों में लगे वायर रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल बेहतर मानिटरिंग के लिए होगा। स्कूल में प्रिंसिपल निगरानी कर सकेंगे, जिला स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षक और प्रदेश स्तर पर लखनऊ में बने कंट्रोल रूम से स्कूलों में पठन-पाठन की निगरानी हो सकेगी।
वाट्सएप ग्रुपों को सक्रिय रखने पर जोर
कोरोना काल में छात्रों को शिक्षण सामग्री देने के लिए बनाए गए वाट्सएप ग्रुप की व्यवस्था को आगे भी सक्रिय रखने की योजना है। पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर छात्रों व अभिभावकों से शिक्षकों को जोड़ने और हर जानकारी मुहैया कराने के लिए ऐसा किया जाएगा। इसीलिए इस सत्र से वर्ष में दो बार शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठक भी कराने को कहा गया है।
इनका कहना है
परिषद मुख्यालय से मांगे गए विवरण तैयार कर भेजे जा रहे हैं। इस बिंदु पर विस्तृत दिशा-निर्देश विभागीय बैठकों में मिलने की संभावना है। कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य किए जाने से माध्यमिक स्कूलों में शिक्षण पद्धति बदलेगी।
- गिरजेश कुमार चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक, मेरठ