दिसंबर में पूरा होगा मेरठ से मुजफ्फरनगर तक दोहरीकरण
मेरठ से मुजफ्फरनगर तक का सफर 30 मिनट में पूरा होने में अभी समय लगेगा। मजदूरों की कमी और निर्माण कार्य में आ रही दिक्कतों से ट्रैक दोहरीकरण का कार्य दिसंबर तक पूरा हो सकेगा।
मेरठ। मेरठ से मुजफ्फरनगर तक का सफर 30 मिनट में पूरा होने में अभी समय लगेगा। मजदूरों की कमी और निर्माण कार्य में आ रही दिक्कतों से ट्रैक दोहरीकरण का कार्य दिसंबर तक पूरा हो सकेगा। हालांकि रेलवे ने मुजफ्फरनगर तक कार्य पूरा करने के लिए सितंबर-2018 का लक्ष्य तय किया था। उधर, सिटी स्टेशन से टपरी तक होने वाले दोहरीकरण में खतौली तक दोहरीकरण 19 जनवरी 2018 में पूरा कर लिया गया था।
पहले चरण में सिटी स्टेशन से दौराला तक 17 किलोमीटर के दोहरीकरण के कार्य को 17 जुलाई 2017 में हरी झंडी दी गई थी। वहीं दूसरे चरण में दौराला से खतौली तक भी 17 किलोमीटर का दोहरीकरण कार्य पूरा किया गया था। इसके बाद मुजफ्फरनगर तक दोहरीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। हालांकि इससे पहले भी दोहरीकरण का कार्य छह महीने की देरी से पूरा किया गया था। दूसरे चरण में दौराला से खतौली तक किए गए दोहरीकरण कार्य पर उत्कल हादसे की आंच आ जाने से यह कार्य बाधित हुआ था।
दो साल लेट फिर भी अधूरा कार्य
साल 2012-13 में कांग्रेस सरकार ने मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच 55 किलोमीटर के ट्रैक दोहरीकरण को मंजूरी दी थी। इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य साल-2016 तय किया गया था। प्रोजेक्ट में दो साल की देरी हो गई है, लेकिन अभी तक मात्र 34 किलोमीटर ही दोहरीकरण कार्य पूरा किया गया है। इस रेल लाइन के दोहरीकरण के लिए मेरठ से मुजफ्फरनगर तक 377.44 करोड़ का बजट तय किया गया था।
दैनिक यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा
मेरठ से मुजफ्फरनगर और दिल्ली के बीच रोजाना हजारों दैनिक यात्री सफर करते हैं। ट्रैक दोहरीकरण होने के बाद ट्रेनों के समय पर चलने के साथ इनकी रफ्तार में बढ़ोतरी होगी। पहले दौराला स्टेशन से आगे ट्रेनों को पास कराने के लिए स्टेशन पर रोकना पड़ता था, जिससे समय खराब होता था, लेकिन अब ट्रेनों को बिना रुके पास कराकर समय की बचत होगी, जिससे इस रूट पर सफर करने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा।