ड्राइवर को कोहरे में ट्रैक-स्टेशन नहीं दिखता, फिर भी 160 की गति से दौड़ी Namo Bharat; कैसे हुआ ये चमत्कार?
मेरठ में घने कोहरे के बावजूद नमो भारत ट्रेन ने 160 किमी प्रति घंटे की गति से सफल संचालन किया। एनसीआरटीसी की उन्नत तकनीकों जैसे यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईसीटीएस)-लेवल 2 आटोमेटिक ट्रेन आपरेशन और आटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन (एटीएस) के कारण कोहरे का ट्रेन की गति पर कोई असर नहीं पड़ा। ये तकनीकें ट्रैक और स्टेशन की स्थिति की जानकारी साझा कर ट्रेन को तेज गति से संचालित करती हैं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। कोहरे में रद होती या देरी से पहुंचती ट्रेनों के बारे में बहुत सुना होगा लेकिन नमो भारत ट्रेन पर इसका असर नहीं पड़ रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने जो दावा किया था उस पर नमो भारत खरी उतरी। बुधवार को घने कोहरे में भी इस ट्रेन ने 160 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ लगाई।
यात्रियों को यह अनुभव रोचक लगा, जिस पर कई यात्रियों ने इंटरनेट मीडिया पर उससे संबंधित फोटो भी पोस्ट किया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के प्रथम कारिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के लिए कई उन्नत व नवीन तकनीकों का प्रयोग किया है। इसमें नवोन्मेष भी शामिल है। इन्हीं प्रयासों में शामिल है कोहरे का गति पर प्रभाव न पड़ना।
इस परियोजना में यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईसीटीएस)-लेवल 2 सिग्नल सिस्टम़, आटोमेटिक ट्रेन आपरेशन (एटीओ) और आटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन (एटीएस) का उपयोग किया गया है। (ईसीटीएस)-लेवल 2 सिग्नल सिस्टम देश में पहली बार प्रयोग किया गया है। यह 4जी इंटरनेट सेवा के साथ कार्य करता है। इन तकनीकों के कारण ट्रेन को सिग्नल मिलता रहता है।
स्पीड बरकरार रहने के पीछे क्या वजह?
ट्रैक की स्थिति, स्टेशनों की स्थिति और ट्रेन की स्थिति की जानकारी लगातार साझा होती रहती है जिसके आधार पर आटोमेटिक ट्रेन संचालन होता रहता है। यानी ड्राइवर (ट्रेन आपरेटर) को कोहरे में ट्रैक व स्टेशन नहीं दिखाई देता है तब भी ट्रेन अपने आप संचालित होती रहती है और उसकी गति सामान्य दिनों की तरह रहती है।
यह ऐसी तकनीक है जिसके आधार पर ट्रेन की गति कहां कम-ज्यादा करनी है और कहां ब्रेक लगाना या रोकना है इसकी भी जानकारी ड्राइवर को मिलती रहती है।
इसी कारण कोहरे में बिना किसी समस्या के ट्रेन दौड़ती रहती है और स्टेशनों पर सुरक्षित तरीके से रुकती और आगे बढ़ती है। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि इस परियोजना में कई नवाचार किए गए हैं। ऐसे ही प्रयासों के कारण कोहरे में भी यह ट्रेन सामान्य दिनों की तरह गति से दौड़ती रहती है।
प्रबंध निदेशक ने रीपोस्ट किया यात्री का अनुभव
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने एक यात्री के अनुभव को रीपोस्ट किया। मोहित गुप्ता नाम के यात्री ने प्लेटफार्म पर आने से लेकर यात्रा तक विभिन्न फोटो खींचे। फोटो में समय व तिथि की सेटिंग के साथ फोटो खींचे। इसमें एक फोटो है जिसमें 160 किमी प्रति घंटे की गति लिखी हुई है। उसमें 15 जनवरी सुबह 10.48 बजे का समय लिखा हुआ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।