जिला अस्पताल में DM ने पूछा- यह क्या है? रसोई में जाते ही माथा हुआ गर्म; ठेकेदार को तुरंत दिए ये निर्देश
मेरठ के प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह ने औचक निरीक्षण किया जहां कई अव्यवस्थाएं मिलीं। गंदगी पर नाराजगी जताते हुए सीए ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में बुधवार की शाम को जिलाधिकारी डा. विजय कुमार सिंह ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें वहां पर कई अव्यवस्थाएं मिलीं। उन्होंने नाराजगी जताते हुए सीएमएस को इन कमियों को दूर करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सबसे पहले ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड, जनरल वार्ड आदि में निरीक्षण किया। यहां पर गंदगी मिलने पर उन्होंने सीएमएस को निर्देश दिए कि वार्डों में जब सफाई ही नहीं होगी तो यहां पर स्वस्थ व्यक्ति भी आकर बीमार हो जाएगा। इसके बाद वह रसोई में पहुंचे। यहां पर मरीजों को दिया जाने वाला खाना चेक किया।
रसोई में भी मिली गंदगी
रसोई में भी बेहद गंदगी मिली। रसोई ठेकेदार को डीएम ने आड़े हाथ लिया। निर्देश दिए कि खाना बनाने का सामान घटिया क्वालिटी का है, इसलिए बेहतर क्वालिटी का सामान प्रयोग में लाया जाए। डीएम फार्मेसी विभाग में पहुंचे और उन्होंने यहां पर दवाइयों की जांच की।
यहां पर उन्हें छह माह से कम समय की एक्सपायरी दवाई मिलीं। यह देखकर उन्होंने निर्देश दिए गए कि कम से कम एक साल की एक्सपायरी वाली दवाई फार्मेसी विभाग में होनी चाहिए। इसी दौरान उनके सामने दो इंटर्नशिप कर रहे युवा आ गए। उनके गले में आइ-कार्ड नहीं था।
आइ-कार्ड डालकर रखने के निर्देश
उन्होंने सीएमएस से पूछा कि यह क्या है। उन्होंने सभी डाक्टर और अन्य स्टाफ को निर्देशित किया कि हर कोई ड्यूटी के समय अपने गले में आइ-कार्ड डालकर रखे। जिला अस्पताल में इस दौरान अफरा तफरी का माहौल रहा। अपर जिलाधिकारी नगर बृजेश सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अनिल कुमार भी मौजूद रहे।
माफिया के कब्जे से तालाब छुड़ाने को डीएम आफिस में प्रदर्शन
सदर तहसील के गांव कांशी और नगर निगम के वार्ड नंबर 10 के ग्रामीणों ने एक तालाब पर कब्जे का आरोप लगाते हुए बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने अपने गांव के ही 12 लोगों पर तालाब पर अवैध कब्जा कर दुकान बनाने का आरोप लगाया। जिस कारण गांव के पानी की निकासी बंद हो गई है और ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
कांशी गांव के ग्रामीण मोहित कुमार, फुरकान, मुस्ताक, सादाब, सिराजुद्दीन, आरिफ आदि ने बताया कि उनके गांव में सरकारी तालाब है। पहले इसका क्षेत्रफल काफी बड़ा होता था। अब मौके पर तालाब नहीं है। पहले पूरे गांव का पानी इसी तालाब में जाता था, लेकिन अब पानी सड़कों पर फैल रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के 12 लोगों ने इस तालाब की भूमि पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने बताया कि उनका गांव नगर निगम के वार्ड 10 में भी आता है। इसलिए नगर निगम से लेकर एसडीएम सदर तक को तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बुधवार को सभी ग्रामीण कलक्ट्रेट में पहुंचे ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। साथ ही कहा कि इस तालाब को कब्जामुक्त कराया जाए। आरोप है कि कुछ लोगों ने बिना कागजात के ही तालाब की जमीन को बेच भी दिया है। कुछ ने दुकान करके कब्जा कर लिया है। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद तालाब को कब्जामुक्त कराया जाएगा।

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