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    मेरठ में हादसा, छह कांवड़ियों की मौत, महज 90 सेकेंड' में उजड़े दो परिवार, घर के दरवाजे पर मौत ने मारा झपट्टा

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Sun, 16 Jul 2023 07:29 AM (IST)

    Meerut News बुरी तरह झुलसे लोगों को बचाने की होती रही मशक्कत सभी की हालत नाजुक। करंट से झुलसने कर जान गंवाने वाले सभी लोग वह है जो भगवान महादेव की ट्र ...और पढ़ें

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    घर के दरवाजे पर मौत ने झपट्टा मार छीन ली छह जिंदगियां,

    मेरठ, जागरण टीम, (लोकेश पंडित। महेन्द्र ने इस बार भोले की कांवड़  को अद्भूत रूप देकर हरिद्वार से जल लाने की बात संगी-साथियों से कही। बोल बम के साथ ऐसा सुर मिला कि उसमें एक दो नहीं, पूरे 25 लोगों की टोली बन गयी। भगवान महादेव की धूमती तस्वीरें बनाकर उसे लोहे की एक बोगी पर सजाया गया तो हर कोई वाह..वाह कर उठा। किसी ने सोचा भी नहीं था, जिस भगवान आशुतोष के जिस स्वरूप को वह पूरी आस्था..लगन व उल्लास के साथ देवनगरी ले जा रहे है, वापसी पर गांव में मौत का तांडव होगा।

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    हाइटेंशन लाइन की चपेट में ट्राली

    शनिवार शाम गांव राली चौहान में हाइटेंशन लाइन की चपेट में आकर मरने वालों में सभी कांवड़ यात्रा के बाद जल लाने वाले हैं, केवल लक्ष्य अकेला वह बच्चा है जो गांव में इस टोली में शामिल हुआ। किसी ने सोचा भी नहीं था कि लंबा सफर तय करने के बाद घर के दरवाजे पर आकर मौत झपट्टा मारकर छह जिंदगियों को छीनकर ले जाएगी। राली चौहान में हर साल कांवड़ लाने वालों की संख्या बड़ी है। गांव कांवड़ यात्रा को इस पर्व के रूप में मनाते आए है।

    लोगों के शरीर से उठा धुआं देखकर मची चीखपुकार

    इस बार गांव महेन्द्र व दादू लख्मी के साथ गांव वालों ने पूरे उत्साह से डाक कांवड़ को सजाधजा कर हरिद्वार रवाना किया शनिवार को जब पूरे गांव को पता चला, उनकी टोली वापस आ रही थी है तो हर कोई भोले बाबा की जयकार के साथ विशाल कांवड़ का स्वागत करने पहुंचा। बोल बम के जयकारे के साथ अचानक चिंगारी और भोलेनाथ के ट्राली धकेल रहे लोगों के शरीर से धुआं उठता दिखा तो चींख-पुकार मच गयी। जिसने देखा वह जान बचाने को दौड़ा। विडम्बना रही, जिनके अपने थे वह उन्हें बचाना चाहते थे लेकिन जलते लोगों के मुंह से निकलती चीख व धुएं ने ऐसा दृश्य पैदा कर दिया कि वह सहम गए।

    लोग चिल्लाते रहे, लेकिन पास जाने की हिम्मत नहीं थी

    प्रत्यक्षदर्शी 12 वर्षीय वासू ने बताया, गांव के कुछ लोग लक्ष्य व प्रशांत को बचाने को दौड़े तो लोगों ने उन्हें दबोच लिया। हर कोई बस बचाओ..बचाओ चिल्लता रहा लेकिन करंट से झुलसते लोगों को बचाने उनके पास नहीं गया। बुरी तरह जलने के बाद जो नीचे गिरता गया, उसे उठाकर लोग अलग खींचकर ले जाते रहे। ठेली खींचने के दौरान प्रशांत हिमांशु से अलग हटकर चल रहा था। जब उसने हिमांशु को करंट से झुलसते देखा तो वह उसने उसे बचाने का प्रयास किया। उसे तो नहीं बचा पाया खुद भी करंट की चपेट में आकर जान गवां बैठा। 

    पीड़ितों के स्वजन से मिले

    शाहिद मंजूर सपा विधायक शाहिद मंजूर राली चौहान हादसे की सूचना के बाद गांव पहुंचे। उनका कहना है कि मेरी गाड़ी में कोई तोड़फोड़ नहींं हुई। आंनद अस्पताल, मेडिकल अस्पताल, वेंदाता अस्पताल में मैंने जाकर पीड़ितों के स्वजन से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह घटना दुखद है।