Meerut: जानलेवा हो सकता है डायरिया, गर्मी में बच्चों का रखें खास ध्यान, चिकित्सक की सलाह से रखे सेहत का ख्याल
Meerut News In Hindi गर्मी के मौसम में जानलेवा हो सकता है डायरिया। मेरठ में आज से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरू हो गया है। पांच वर्ष तक के बच्चों वाले घरों में आशा कार्यकर्त्री ओआरएस घोल का पैकेट बांटेंगी।

मेरठ, जागरण संवाददाता। गर्मी के मौसम में डायरिया के अधिक मामले सामने आते हैं। बच्चों में यह समस्या अधिक होती है। समय पर उपचार न मिलने पर जान भी जा सकती है। उधर, आज से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरू हो गया।
डायरिया से बच्चों की जा सकती है जान
दस्त रोग या डायरिया बच्चों की मौत के प्रमुख कारणों में एक है। गर्मी में यह बीमारी अधिक होती है। इसके प्रमुख कारणों में दूषित पेयजल, स्वच्छता की कमी, शौचालय के अभाव आदि हैं। डायरिया होने पर थकान, उल्टी, पेट में दर्द आदि समस्या भी हो सकती है। इसके कारण बच्चे कुपोषण का शिकार भी हो सकते हैं।
बच्चों को बचाने के उपाय
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. उमंग अरोड़ा बताते हैं कि गर्मी के मौसम में बच्चों खासकर शिशुओं में डायरिया के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में उनका ध्यान रखने की विशेष आवश्यकता है।
- शिशुओं को गर्मी से बचाएं।
- उन्हें स्तनपान ही कराना चाहिए।
- मजबूरी में ऊपर का दूध पिलाना पड़े तो कटोरी या स्टील के चम्मच का इस्तेमाल करना चाहिए।
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- शिशु को दूध पिला रहीं माताएं भी पौष्टिक भोजन करें।
- बड़े बच्चों को बाहर का तला-भूना भोजन न दें। काफी समय पहले कटे फल न दें।
- नारियल पानी, बेल का शर्बत, मट्ठा, बेल का शर्बत, दाल का पानी, शिकंजी और चावल का मांड आदि देना चाहिए।
- परेशानी बढ़ने पर तत्काल बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा में बांटे जाएंगे ओआरएस के पैकेट
सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरू हो गया। यह 22 जून तक चलेगा पुलिस लाइन स्थित हेल्थ पोस्ट से सीएमओ डा. अखिलेश मोहन, एसीएमओ डा. अशोक तालियान आदि अधिकारियों ने इसका शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत पांच साल तक के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट) का पैकेट व जिंक की गोली का वितरण किया जाएगा। जिससे बच्चे की निर्जलीकरण की स्थिति में घर में ही तत्काल ओआरएस व जिंक टैबलेट दी जा सके। यह कार्य आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में करेंगीं।
सीएमओ ने कहा कि इसके बाद भी ठीक न होने पर बच्चे को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाना चाहिए।
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