Meerut: मजा आ गया... साइकिल से चलने वाली आटा चक्की जैसे कई उपकरण देखकर बोले नीति आयोग के मिशन निदेशक
अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर का उद्देश्य नवाचार करने वालों को एक मंच प्रदान करना है। मंगलवार को नीति आयोग में अटल इनोवेशन मिशन के निदेशक डा. चिंतन वैष्णव ने मंगलवार को मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में सेंटर का शुभारंभ किया।

मेरठ, जागरण संवाददाता। देश के हर क्षेत्र के हुनर को विकास से जुड़ने के लिए बनाए जा रहे अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर में अधिकतर नवाचार कृषि क्षेत्र से जुड़े देखने को मिल रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि छोटे शहरों व ग्रामीण परिवेश की मेधा अपने आसपास की समस्याओं को देखकर उनका समाधान तलाशने में जुट जाते हैं और उनके नवाचार उसी दिशा में सफल प्रयास बनकर उभरते हैं।
सेंटर शुभारंभ पर मौजूद सांसद राजेंद्र अग्रवाल, मिशन निदेशक और सीडीओ सुशांत चौधरी
देश में 50 ऐसे इनोवेशन सेंटर बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे नीति आयोग में अटल इनोवेशन मिशन के निदेशक डा चिंतन वैष्णव ने मंगलवार को मेरठ बाईपास स्थित मेरठ इंस्टिट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में 14वें अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर का शुभारंभ किया। इस मौके पर प्रदर्शन के लिए लगाए गए नवाचार देख डॉक्टर चिंतन इतने खुश हुए कि उनके मुंह से सहस ही निकल गया कि मजा आ गया।
साइकिल से चलने वाली आटा चक्की और वाशिंग मशीन
मेरठ के इस कमेटी इन्नोवेशन सेंटर से जुड़े गोरखपुर के गंगाराम का साइकिल से चलने वाली आटा चक्की और वाशिंग मशीन, बनारस के श्याम चौरसिया का महिलाओं के लिए सुरक्षित चप्पल, बिना बिजली के चलने वाले झालर आदि उपकरण व मेरठ के सुशील चौहान का कोल्हू से बिजली बनाने का उपकरण और सुमित कुमार का सेना के जवानों के लिए स्मार्ट जूता देख डॉक्टर वैष्णव गदगद हो उठे।
नवाचार करने वालों को प्लेटफार्म देने की है पहल
डा. चिंतन वैष्णव ने बताया कि छोटे शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर आसपास की समस्याओं के साथ ही राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय समस्याओं पर भी नवाचार करने वालों को एक मंच प्रदान करना ही अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर का उद्देश्य है। ऐसे लोग अक्सर सरकार की नजरों से वंचित रह जाते थे और उन्हें सुविधाएं भी नहीं मिल पाती थी। कभी किसी की नजर पड़ी तो उनके जरिए वह आगे बढ़ गए, अन्यथा वह नवाचार तो करते लेकिन उनके नवाचार आसपास के क्षेत्रों तक ही सीमित रह जाते हैं।
जुगाड़ के पीछे की सोच रचनात्मक
अटल इनोवेशन मिशन के मिशन डायरेक्टर डा. चिंतन वैष्णव ने कहा कि देश में जुगाड़ खूब होते हैं। इसे लेकर लोगों की अलग-अलग भावनाएं भी जुड़ी हैं। कुछ लोग इसे अच्छा बताते हैं तो कुछ जुगाड़ की जगह नवाचारों को वैज्ञानिक आधार पर विकसित किए जाने को प्रमुखता देते हैं। उन्होंने कहा कि इस पर मत अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन जुगाड़ के पीछे की सोच में रचनात्मकता है। अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर ऐसे ही रचनात्मक लोगों को एक बेहतर प्लेटफार्म देकर, उनकी सोच को सही दिशा में विकसित करने का मंच प्रदान करती है, जिससे वह अपनी सोच को समाज के विकास के लिए विकसित करें और उससे खुद भी धन उपार्जन कर अपनी आय बढ़ाएं। डा. वैष्णव ने बताया कि देश में करीब सवा दो लाख माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां अटल टिंकरिंग लैब पहुंचाना है। अब अगले चरण में पीपीपी मॉडल पर अटल टिंकरिंग लैब स्कूलों में विकसित किए जाएंगे।
50 सेंटर का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि सुविधा संपन्न निजी शिक्षण संस्थानों में विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में कार्य करने का उत्साह और भूख ज्यादा है। इसीलिए पिछले दिनों इनोवेशन सेंटर के लिए आवेदन खोले गए जिनमें 28 स्लॉट पर 436 आवेदन मिले हैं। 50 अटल कम्युनिटी सेंटर का लक्ष्य पूरा करने के लिए इसी साल जगहों का निरीक्षण कर उनकी अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
अभी तक हो चुके हैं 130 इवेंट
एमआईटी में बने अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर का संचालन कोविड-19 के दौरान शुरू हुआ था। अब तक यहां करीब 130 इवेंट किए जा चुके हैं। इसके साथ ही करीब 200 शिक्षण संस्थानों को भी जोड़ा जा चुका है। इस अवसर पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने भी नवाचारों को देखा और इनोवेशन सेंटर में युवाओं को मिल रही सुविधाओं को सराहा । संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट पुनीत अग्रवाल व अन्य पदाधिकारियों ने सभी का स्वागत कर इन्नोवेशन सेंटर का भ्रमण कराया।
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