Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi-Meerut Expressway: एक्‍सप्रेसवे पर सड़क के दोनों तरफ लगाए जा रहे टेलीफोन बूथ, जानिए- इससे आपको क्‍या होगा लाभ

    By Himanshu DwivediEdited By:
    Updated: Sun, 07 Mar 2021 08:40 AM (IST)

    दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के डासना से मेरठ के बीच निर्माण कार्य अंतिम दौर पर है। एक्सप्रेस-वे जनता के लिए खोले जाने से पहले सुरक्षा व आपात स्थिति में यात्रियों तक मदद के लिए एक्सप्रेस-वे पर सड़क के दोनों साइड टेलीफोन बूथ स्थापित किये जा रहे हैं।

    Hero Image
    लोगों की मदद के लिए लगाए जा रहे टेलीफोन बूथ।

    मेरठ, जेएनएन। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के डासना से मेरठ के बीच निर्माण कार्य अंतिम दौर पर है। एक्सप्रेस-वे जनता के लिए खोले जाने से पहले सुरक्षा व आपात स्थिति में यात्रियों तक मदद के इंतजाम किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में एक्सप्रेस-वे पर सड़क के दोनों साइड टेलीफोन बूथ स्थापित किये जा रहे हैं। यहां से हेल्पलाइन नंबर 1033 नंबर डायल करते ही मदद मिलेगी। निर्माण एजेंसी मेरठ से डासना तक एक्सप्रेस-वे पर कुल 16 टेलीफोन बूथ स्थापित कर रही है। रोड के दोनों साइड आठ-आठ टेलीफोन बूथ होंगे। एक्सप्रेस-वे यह सुविधा दुर्घटना होने पर या अन्य आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस बुलाने, पुलिस को सूचना देने के लिए होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डासना एलिवेटेड स्ट्रक्चर पर तेजी पकड़ेगा काम

    गाजियाबाद-मोदीनगर मार्ग पर रैपिड रेल कारीडोर का काम चल रहा है। यहां से आने-जाने वाले परेशानी ङोल रहे हैं। लोग जैसे-तैसे एक्सप्रेस-वे पर चढ़कर मेरठ व डासना आरहे हैं। अपने दावे पर खरा उतरने के लिए निर्माण एजेंसी ने काम की गति तेज कर दी है। मेरठ से डासना तक परतापुर इंटरचेंज व एलिवेटेड स्ट्रक्चर का काम मुख्य है। एलिवेटेड स्ट्रक्चर पर गाजियाबाद की तरफ से डामर की अंतिम लेयर डालने का काम चल रहा है। मेरठ की तरफ से एक्सप्रेस-वे को एलिवेटेड स्ट्रक्चर से जोड़ने वाले हिस्से में कंक्रीट की परत पड़ चुकी है।

    आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर से टोल वसूली प्रक्रिया का ड्राइ रन शुरू

    दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार देर शाम को आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम के जरिये टोल वसूली प्रक्रिया का ड्राइ रन शुरू हो गया है। निजामुद्दीन से यूपी गेट तक के हिस्से में आने-जाने वाले आठ हजार वाहनों से इस सिस्टम के जरिये टोल काटे जाने का अभ्यास किया गया। इस सिस्टम के जरिये टोल काटने की प्रक्रिया को अपनाया गया, लेकिन वाहन चालक के खाते से कोई पैसा नहीं कटा है।