Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Meerut Expressway Accident: एक साथ उठीं छह अर्थियां, रुदन देखकर कांप उठा कलेजा, प्रियांक ने दी मुखाग्नि

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Wed, 12 Jul 2023 11:00 AM (IST)

    हादसे ने जयपाल सिंह यादव के परिवार की सारी खुशियां छीन लीं। मझले बेटे का पूरा परिवार खत्म हो गया जबकि छोटे बेटे की पत्नी और बेटी की मौत हो गई। हादसे के बाद पूरा परिवार गमजदा है जिसे भी हादसे की जानकारी मिली वह उनके घर की तरफ दौड़ पड़ा। रात करीब साढ़े नौ बजे जैसे ही छह शव गांव पहुंचे चारों ओर कोहराम मच गया।

    Hero Image
    एक साथ उठीं छह अर्थियां, रुदन देखकर कांप उठा कलेजा, प्रियांक ने सभी छह शवों को मुखाग्नि दी

    मेरठ, जागरण संवाददाता। इंचौली थाना क्षेत्र के गांव धनपुर निवासी 85 वर्षीय जयपाल यादव के एक बेटी और तीन बेटे थे। सबसे बड़ी बेटी माया, बेटा जितेंद्र यादव, नरेंद्र यादव और धर्मेंद्र यादव हैं। चारों की शादी हो चुकी है। पुश्तैनी मकान के एक हिस्से में जितेंद्र अपने परिवार के साथ रहते हैं, जबकि एक हिस्से में नरेंद्र-धर्मेंद्र एक साथ रहते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खाटू श्याम जाने के लिए निकले थे कार से

    नरेंद्र की तोहफापुर बस स्टैंड पर हार्डवेयर व इलेक्ट्रिक की दुकान है, जबकि जितेंद्र व धर्मेंद्र खेती करते हैं। मंगलवार सुबह साढ़े चार बजे नरेंद्र और धर्मेंद्र का परिवार खाटू श्याम जाने के लिए कार में सवार होकर निकला था। जैसे ही हादसे की सूचना जितेंद्र को मिली तो वह अपने परिवार के साथ घटना स्थल के लिए रवाना हो गए। जितेंद्र ने बताया कि परिवार में कुछ भी नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि नरेंद्र ही परिवार के मुखिया थे, वह दोनों भाई खेती करते हैं जबकि नरेंद्र परिवार की जिम्मेदारी के सभी काम करते थे।

    जितेंद्र के बेटे ने दी मुखाग्नि

    दो चिता बनाई, जितेंद्र के बेटे ने दी मुखाग्नि देर रात शव घर पहुंचे। कुछ देर रोकने के बाद ही शवों को गांव के श्मशान में ले जाया गया। यहां दो चिता बनाई गईं। एक चिता पर नरेंद्र, उनकी पत्नी अनीता और बेटे दीपांशु के शव रखे गए। जबकि दूसरी चिता पर धर्मेंद्र की पत्नी बबीता, बेटी वंशिका व नरेंद्र के बेटे हिमाशु का शव रखा गया। दोनों चिता को जितेंद्र के बड़े बेटे प्रियांशु ने मुखाग्नि दी।

    गांव में नहीं जले चूल्हे

    गांव धनुपर तीन हजार की मिश्रित आबादी वाला गांव हैं। जिसमें यादव, अनुसूचित जाति, मुस्लिम के साथ अन्य समाज के लोग रहते हैं। मंगलवार की सुबह गांव के घरों में रोज की तरह महिलाएं घर में चाय व नाश्ते की तैयारी में लगी थीं, हादसे की जानकारी मिलते ही सभी के चूल्हे बंद हो गए। ग्रामीण पूरे दिन पीड़ित जयपाल के घर मौजूद रहे। यहीं नहीं, घर पर केवल बुजुर्ग जयपाल मौजूद थे। ग्रामीणों ने अर्थी का सामान एवं चिता के लिए ईधन का इंतजाम किया।

    जनप्रतिनिधियों ने धनपुर पहुंच जताया शोक

    सपा से सरधना क्षेत्र विधायक अतुल प्रधान, हस्तिनापुर के गांव रानी से भाजपा नेता सुनील पोसवाल तथा भाकियू टिकैत जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी, भाकियू युवा के जिलाध्यक्ष अनूप यादव, एनसीआर के सचिव नरेश चौधरी, मदनपाल आदि ने धनपुर पहुंचकर मृतकों के स्वजन को ढांढस बंधाया।

    जलशक्ति राज्य मंत्री ने भी शोक संवेदना जाहिर की

    जलशक्ति राज्यमंत्री व स्थानीय विधायक दिनेश खटीक ने हादसे को लेकर ट्वीट करते हुए संवेदना जताई। वहीं, फोन से पीड़ितों के संपर्क कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

    comedy show banner
    comedy show banner