Meerut: सड़क सुरक्षा अभियान के तहत CBSE स्कूलों की प्रार्थना में बजेगा, परवाह करेंगे, सुरक्षित रहेंगे....गीत
Meerut News केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सड़क सुरक्षा अभियान में स्कूलों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान का उद्देश्य नागरिकों में यातायात नियमों और सुरक्षा के प्रति सजगता को बढ़ावा देना है। पिछले साल देश में सड़क दुर्घटनाओं में 1.8 लाख से अधिक लोगों की जान गई जिनमें 10000 से अधिक बच्चे थे।
जागरण संवाददाता, मेरठ : देश में सड़क सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सभी संबद्ध स्कूलों से सड़क सुरक्षा अभियान में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान का उद्देश्य नागरिकों, विशेषकर बच्चों में उत्तरदायी यातायात व्यवहार को बढ़ावा देना है। जिससे अभिभावकों के साथ विद्यार्थियों में यातायात नियमों और सुरक्षा के प्रति सजगता की भावना को विकसित किया जा सके।
1.8 लाख से अधिक लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं में गंवाई जान
सीबीएसई की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, देश में पिछले वर्ष 1.8 लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा बैठे, जिनमें 10,000 से अधिक बच्चे (18 वर्ष से कम आयु) शामिल थे। चिंताजनक बात यह है कि 11,000 से अधिक मौतें स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के आसपास हुईं, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।
इस विषय पर जनजागरूकता बढ़ाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने छह जनवरी 2025 को मुंबई में एक विशेष कार्यक्रम "सुरक्षा रिलोडेड" का आयोजन किया था। इस आयोजन में लगभग 2,000 स्कूली छात्रों ने भाग लिया, जो यह दर्शाता है कि भारत का युवा वर्ग इस परिवर्तन का प्रमुख वाहक बन सकता है।
इस कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति "परवाह करेंगे, सुरक्षित रहेंगे" शीर्षक से तैयार अभियान का आधिकारिक एंथम, जिसे पद्मश्री शंकर महादेवन (Shankar Mahadevan) ने मंच पर प्रस्तुत किया। यह गीत प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी (Prasun Joshi) ने लिखा है। इस एंथम का मुख्य संदेश है "परवाह", यानी व्यक्ति को स्वयं की और दूसरों की जान की वास्तविक चिंता करनी चाहिए, जो सुरक्षित यातायात व्यवहार की ओर पहला कदम है।
क्षेत्रीय भाषाओं में एंथम और 16 लघु फिल्में
इस संदेश को देश भर में प्रसारित करने के।लिए एंथम को हिन्दी के अलावा नौ क्षेत्रीय भाषाओं, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, पंजाबी, उड़िया और बांग्ला में भी रिकार्ड किया गया है। सीबीएसई ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे इस एंथम को नियमित रूप से प्रार्थना सभा व स्कूल आयोजनों में बजाएं।
16 लघु फिल्मों का निर्माण भी निर्माण
इसके अतिरिक्त 16 लघु फिल्मों का निर्माण भी किया गया है, जो सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं। इनमें उपयोग किए गए प्रभावी संदेशों में, 'जल्दी मत मचाओ, आराम से आओ' और 'सड़क सुरक्षा की पाठशाला' है। सीबीएसई ने स्कूलों से आग्रह किया है कि वे इन फिल्मों को प्रमुख कार्यक्रमों में दिखाएं और स्कूल व्हाट्सऐप ग्रुप्स के माध्यम से अभिभावकों तक भी पहुँचाएं, ताकि यह संदेश समाज के हर वर्ग तक पहुँच सके।
व्यवहार परिवर्तन है अभियान की मूल भावना
सीबीएसई की शैक्षणिक निदेशक डा. प्रज्ञा एम. सिंह ने अपने पत्र में इस बात पर बल दिया है कि भारत में सड़क सुरक्षा केवल बुनियादी ढांचे या नियमों की बात नहीं है, बल्कि यह एक व्यवहार संबंधी चुनौती है। यदि बच्चों को सही समय पर जागरूक किया जाए, तो वे न केवल स्वयं जागरूक बनेंगे, बल्कि अपने परिवार और समुदायों को भी बदलने का सामर्थ्य रखते हैं।
स्कूल बनें परिवर्तन के संवाहक
छात्रों की नैतिक और सामाजिक समझ विकसित करने में स्कूलों की अहम भूमिका होती है। इसी को देखते हुए सीबीएसई ने स्कूलों से अनुरोध किया है कि वे इस अभियान के तहत दी गई गतिविधियों, जैसे एंथम बजाना, लघु फिल्में दिखाना, को नियमित रूप से अपनाएं और सड़क सुरक्षा को एक संस्कार के रूप में विकसित करें। सीबीएसई ने सभी प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और विद्यार्थियों से इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अभियान को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग की अपील की है। यह केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बनने की ओर अग्रसर है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।