दो अक्टूबर की रात बंद हो जाएगी गंगनहर में पानी की सप्लाई, यूपी सरकार ने 3.28 करोड़ की लागत से करने वाली है ये काम
सिंचाई विभाग ने गंगनहर और उससे जुड़े रजवाहों व माइनरों की सिल्ट सफाई के लिए वार्षिक नहरबंदी का ऐलान किया है। 2 अक्टूबर से गंगनहर में पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। मेरठ मुजफ्फरनगर और अनूपशहर खंडों में 680 किमी की सफाई होगी जिसके लिए सरकार ने 3.28 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। दीपावली की रात 21 अक्टूबर को जलापूर्ति फिर से शुरू होगी।

जागरण संवाददाता, मेरठ। गंगनहर से जुड़े रजवहों व माइनरों की सिल्ट-सफाई के लिए सिंचाई विभाग ने वार्षिक नहरबंदी का रोस्टर जारी कर दिया गया है। दो अक्टूबर को गंगनहर आपूर्ति हरिद्वार से बंद कर दी जाएगी। सिंचाई विभाग के अंतर्गत मेरठ, मुजफ्फरनगर व अनपूशहर तीनों खंडों में रजवाहों व माइनरों की कुल लंबाई 680 किमी में सिल्ट सफाई की जाएगी।
इसके लिए शासन ने 3.28 करोड़ की स्वीकृति प्रदान कर दी है। दो अक्टूबर को गंगनहर में जलापूर्ति बंद हो जाएगी, जिसके बाद दीपावली की रात यानी 21 अक्टूबर को हरिद्वार से गंगनहर में जलापूर्ति चालू कर दी जाएगी। अधिशासी अभियंता विकास त्यागी ने बताया कि इस योजना में शामिल किए गए रजवाहों की लंबाई 400 किमी व माइनरों (अल्पिकाओं) की लंबाई 280 शामिल है।
क्या होती है वार्षिक नहर बंदी
गंगनहर की वार्षिक नहरबंदी एक प्रक्रिया है, जिसमें सिंचाई विभाग वर्ष भर में एक बार गंगनहर और उससे जुड़े रजवाहों व माइनरों में पानी की आपूर्ति बंद कर देता है। लगभग 20 दिनों के इस समयकाल में रजवाहों व माइनरों में जमी सिल्ट, कबाड़, घास-फूस झाड़ व मलबा आदि सभी कुछ जेसीबी मशीनों की सहायता से साफ किया जाता है।
जिसका उद्देश्य किसानों को खेती के लिए उनके खेतों में पानी की आपूति निर्बाध रूप से की जा सके। सिंचाई के लिए पानी को टेल (रजवाहे या माइनर के अंतिम छोर तक) पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई विभाग यह वार्षिक नहरबंदी हर साल दीपावली से ठीक पहले की जाती है।
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