Meerut Weather Forecast: ...हो जाएं सतर्क, क्रिसमस के बाद मेरठ में पड़ने वाली है कड़ाके की ठंड; अभी औसत तापमान है तीन डिग्री सेल्सियस
मेरठ और आसपास में कड़ाके की ठंड से राहत नहीं है। सुबह शाम और रात में कड़ाके की ठंड ने सर्दी बढ़ा दी है। मेरठ सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में न्यूनतम तापमान तीन डिग्री से भी नीचे जा रहा है। अभी क्रिसमस के बाद और ठंड पड़ने की संभावना है।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ और आसपास के जिलों में कड़ाके की ठंड से राहत नहीं है। सुबह, शाम और रात में कड़ाके की ठंड ने सर्दी बढ़ा दी है। खासकर मेरठ, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में न्यूनतम तापमान तीन डिग्री से भी नीचे पहुंच जा रहा है। वहीं सुबह का कोहरा भी लोगों को परेशान कर रहा है। हाईवे पर कोहरे के कारण हादसों की संख्या में भी इजाफा हो गया है। कोहरे की वजह से लोगों के आवागमन में भी परेशानी हो रही है। हालाकि लगभग 10 बजे के बाद निकली धुप ने लोगों का ठंड से राहत दे रही है।
बुधवार रात में न्यूनतम तापमान एक डिग्री कम पांच डिग्री पर पहुंच गया। यह सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा। रात में सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई। मुजफ्फरनगर में रात के तापमान में गिरावट हुई और यह 2.8 डिग्री पहुंच गया। वहीं सहारनपुर में भी तापमान लगभग दो डिग्री तक रहा। हालाकि मेरठ में तापमान कुछ राहत देनी वाली रही। यहां तापमान पांच डिग्री के आसपास दर्ज किया गया। औसतन अधिकतम तापमान 23 डिग्री रहा। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी कोहरे की आशंका जतायी है। क्रिसमस के बाद एक बार फिर से शीतलहर का सामना जनपद वासियों को करना पड़ सकता है। 26 से पहाड़ों पर एक बार फिर बर्फबारी और बारिश का दौर शुरु होने वाला है। जिसका असर मैदानों में भी देखने को मिलेगा। न्यूनतम तापमान तीन डिग्री तक गिर सकता है।
ठंड बढ़ने की है संभावना
मौसम विभाग की माने तो क्रिसमस के बाद शहर में ठंड और बढ़ सकती है। इसका कारण पहाड़ों में वर्फबारी बताया जा रहा है। इनका कहना है कि दिन में धुप निकलने से राहत तो मिलेगा, पर रात और सुबह ठिठुरने वाली ठंड पड़ेगी। ठंड के वजह से अलर्ट भी जारी है।
कुछ फसलों को नुकसान तो कुछ को लाभ
ठंड की वजह से सब्जी और मसाले वाली फसलों को नुकसान की संभावना है तो वहीं गेंहू जैसी फसलों को ठंड और कोहरे से लाभ होने वाला है। विशेषज्ञ बताते हैं कि गेंहू की फसल ठंड और कोहरे में तेजी से वृद्धि करती है। वहीं कड़ाके की ठंड पड़ने से पाला पड़ने की संभावना है, इस कारण आलू जैसी फसलों को नुकसान होता है। और इनका विकास रुक जाता है।