Arun Govil: 'जब किसी का दोहरा चरित्र सामने आता है'...राजनीति गलियारे में खूब घूमा 'रामायण के राम' का स्क्रीनशॉट, गोविल ने दी सफाई
Arun Govil Post On Social Media चर्चा में अरुण गोविल का दोहरा चरित्र वाली पोस्ट। अरुण गोविल मतदान के दूसरे दिन ही मेरठ से मुंबई के लिए चले गए थे। जिसके बाद कई लोगों ने उन पर बाहरी होने के हमले किए थे। ठीक कुछ देर बाद उनकी दोहरा चरित्र वाली पोस्ट सामने आई तो राजनीति के गलियारे में हलचल मचने लगी।
जागरण संवाददाता, मेरठ। भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल की सोशल मीडिया के सभी अकाउंट पर साझा की गई एक पोस्ट हर जगह चर्चा में है। राजनीतिक गलियारे में भी खूब चटखारे लेकर उसका स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है।
तंज कसा जा रहा है कि जो नेता उनके प्रचार में जुटे थे उन्होंने ही उनके साथ छल किया। उसका ही दर्द गोविल ने साझा किया है। चर्चा में उस पोस्ट की एक खास पंक्ति है, जिसमें लिखा है "जब किसी का दोहरा चरित्र सामने आता है तो उससे अधिक स्वयं पर क्रोध आता है, कि हमने कैसे आंखें बंद करके ऐसे इंसान पर भरोसा किया। जय श्रीराम।"
पोस्ट को हटाया गया
हालांकि यह पोस्ट अब उनके किसी अकाउंट पर नहीं है। बताया जा रहा है कि यह पोस्ट सुबह लगभग सात-आठ बजे का है। तीन घंटे बाद जब उसका स्क्रीनशॉट शेयर होने लगा तब उसे डिलीट कर दिया गया। उसके बदले में नया पोस्ट साझा किया गया।
नई पोस्ट काफी विस्तृत है। उसमें लिखा है -'आपके प्रेम, सहयोग और सम्मान के लिए मैं बहुत-बहुत आभारी हूं। अब पार्टी के निर्देश पर मैं मुंबई में हूं। यहां की जिम्मेदारी पूरी करने के लिए। पार्टी मुझे चुनाव प्रचार के लिए दूसरे क्षेत्रों में भी भेजने का कार्यक्रम बना रही है। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही मैं आपके बीच पहुंच जाऊंगा।'
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गोविल ने दी सफाई...
मैं प्रतिदिन किसी ग्रंथ, पुराण की पंक्ति, सूक्ति, उपदेश या किसी कवि की लाइनें पोस्ट बनाकर अपने अकाउंट पर साझा करता हूं। आज का पोस्ट भी किसी सूक्ति का हिस्सा था। मैंने इसे प्रतिदिन की तरह ही पोस्ट किया था लेकिन लोगों ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया। इससे मैंने उसे डिलीट कर दिया। मुझे चुनाव लड़ाने में सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं का सहयोग मिला। जनता का प्यार मिला।संगठन कई स्थानों पर प्रचार की जिम्मेदारी दी है इसलिए जल्द जाना पड़ा। मैं जल्द आकर सबसे मिलूंगा। -अरुण गोविल, भाजपा प्रत्याशी व अभिनेता।
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सौरभ जैन सुमन ने स्थानीय नेताओं को घेरा
कवि सौरभ जैन सुमन ने एक्स पर पोस्ट किया है। उसमें लिखा कि 'गोविल को चुनाव लड़वाने की जिम्मेदारी थी मेरठ के जनप्रतिनिधियों की। हर खास ओ आम से मिलवाने की, किंतु पूरे चुनाव में अरुण जी को एक विशेष लोगों का घेरा घेरे रहा। उनको घेरे रखने वाले लोग ही शायद नहीं चाहते थे कि वो किसी से मिलें। पता नहीं क्यों नहीं चाहते थे कि अरुण जी जनता के निकट जाएं। ....मैं स्वयं एक अपरिचित की तरह भीड़ का हिस्सा रहा, इससे मन खराब हुआ।