Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    मुजफ्फरनगर: सतीश त्यागी के मर्डर के बाद लिखी गई थी बड़कली सामूहिक हत्याकांड की पटकथा

    By Parveen VashishtaEdited By:
    Updated: Mon, 04 Jul 2022 11:02 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर के बड़कली सामूहिक हत्याकांड में सोमवार को कोर्ट ने महिला गैंगस्टर मीनू त्यागी सहित 16 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। गौरतलब है कि वर्ष 2005 में हुए ब्लाक प्रमुख चुनाव से पहले उदयवीर सिंह और विक्की त्यागी के बीच कोई रंजिश नहीं थी।

    Hero Image
    मुजफ्फरनगर: सतीश त्यागी के मर्डर के बाद लिखी गई थी बड़कली सामूहिक हत्याकांड की पटकथा

    मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। बड़कली सामूहिक हत्याकांड की पटकथा 2005 में हुए चरथावल ब्लाक प्रमुख चुनाव के बाद लिखी गई थी। उस वक्त विक्की त्यागी के सामने चुनाव में उतरे उदयवीर सिंह हार गए थे। एक साल बाद विक्की त्यागी ने उदयवीर सिंह के मित्र और बिजनेस पार्टनर सतीश त्यागी की हत्या की थी, जिसमें विक्की के खिलाफ उदयवीर ने मुकदमे की पैरवी की थी। वर्ष 2010 में ब्लाक प्रमुख चुनाव में उदयवीर ने अपने भतीजे की पत्नी को चुनाव में जीत दिलाई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ब्लाक प्रमुख चुनाव से पहले नहीं थी कोई दुश्‍मनी

    चरथावल ब्लाक के बधाई खुर्द गांव निवासी उदयवीर सिंह का अपने क्षेत्र में दबदबा था। रोहाना क्षेत्र में ही उनकी लकड़ी की आढ़त सहित अन्य कामकाज थे। वर्ष 2005 में हुए ब्लाक प्रमुख चुनाव से पहले उदयवीर सिंह और विक्की त्यागी के बीच कोई रंजिश नहीं थी, लेकिन जब दोनों चुनाव में आमने-सामने आए तो दोनों में टशन हो गई। चुनाव में विक्की त्यागी ने जीत दर्ज कर अपनी ताकत का अहसास कराया था। वर्ष 2006 में विक्की त्यागी ने बेहड़ी निवासी सतीश त्यागी की हत्या कर दी थी। विक्की त्यागी समेत कई लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ। इससे विक्की त्यागी व उदयवीर सिंह के बीच रंजिश बढ़ गई।

    2010 में चुनाव जीती उदयवीर सिंह के भतीजे की पत्नी

    वर्ष 2010 में फिर से चरथावल ब्लाक प्रमुख चुनाव हुआ और इसमें उदयवीर सिंह के भतीजे की पत्नी सोनिया सिंह चुनावी जीती। सीट ओबीसी में होने के चलते विक्की स्वयं चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उसका प्रत्याशी चुनाव हार गया था। यह बात विक्की त्यागी को नागवार गुजरी और वर्ष 2011 में बड़कली सामूहिक हत्या कांड में उदयवीर सिंह सहित परिवार के आठ लोगों की ट्रक से कुचलवाकर हत्या करा दी गई। इस हत्याकांड में 11 वर्ष बाद कोर्ट ने 16 लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

    ऐसे दिया गया था बड़कली हत्याकांड को अंजाम

    11 जुलाई 2011 को जब उदयवीर सिंह अपने स्वजन के साथ कार से अपने गांव बधाई खुर्द से मुजफ्फरनगर की ओर जा रहे थे। तभी विपरीत दिशा से आए ट्रक ने उनकी कार में सीधी टक्कर मार दी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि ट्रक ने कई बार आगे-पीछे होकर कार सवार लोगों को कुचला था। इसमें तीन बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हुई थी। पुलिस जांच में मामला सड़क दुर्घटना का नहीं, बल्कि साजिशन हत्या का निकला था। परिवार के मुखिया उदयवीर सिंह, उनके दो बेटे समरवीर व श्यामवीर, भतीजे गौरव वीर समेत कल्पना पत्नी गौरव वीर, छह वर्षीय दक्ष पुत्र समरवीर, चार वर्षीय प्रणव व दो वर्षीय पुत्र गौरव वीर की मृत्यु हो गई थी।

    पहले 15 पर हुई थी एफआइआर, बाद में सामने आए थे अन्य नाम

    इस मामले में उस समय जेल में बंद विक्की त्यागी, उसकी पत्नी मीनू त्यागी समेत 15 आरोपितों के खिलाफ ब्रजवीर निवासी बधाई खुर्द ने मुकदमा दर्ज कराया था, जबकि पांच आरोपितों के नाम विवेचना के दौरान सामने आए थे। सुनवाई के दौरान विक्की त्यागी व दो अन्य आरोपितों की मौत हो चुकी थी, जबकि एक आरोपित के जुवेनाईल होने के कारण उसकी फाइल पहले ही अलग कर दी गई थी। इस मुकदमे में मुख्य आरोपित मीनू त्यागी 19 अगस्त 2011 से जेल में बंद है, जो अंबेडकर नगर जेल में है।

    सतीश त्यागी की हत्या में पहले ही आजीवन सजा काट रही है मीनू त्यागी

    वर्ष 2007 में रोहाना के लकड़ी कारोबारी सतीश त्यागी की हत्या हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में विक्की त्यागी, उसकी पत्नी मीनू त्यागी, सुशील शुक्ला समेत छह लोगों के खिलाफ आरोप पत्र भेजा था। न्यायालय ने विक्की, मीनू त्यागी, सुशील को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तभी से वह जेल में है। 2017 में सुशील शुक्ला को मुजफ्फरनगर से देवरिया जेल में ट्रांसफर किया गया था। देवरिया जेल में ही सुशील शुक्ला की कैंसर से मौत हो गई थी। इससे पूर्व 16 फरवरी 2015 को विक्की त्यागी को पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में ही मौत के घाट उतार दिया गया था।

    यह भी पढें: आजीवन कारावास की सजा सुनते समय बेहद शांत नजर आई मीनू त्यागी