मुजफ्फरनगर का बड़कली हत्याकांड: आजीवन कारावास की सजा सुनते समय बेहद शांत नजर आई मीनू त्यागी
11 जुलाई 2011 को मुजफ्फरनगर के गांव बड़कली के निकट ट्रक से कार में टक्कर मारकर रोहाना गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन उदयवीर सिंह व उनके आठ स्वजन की सामूहिक हत्या कर दी गई थी। इनमें तीन बच्चे भी शामिल थे। इसमें 20 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। बड़कली सामूहिक हत्याकांड में सजा के दौरान विशेष अदालत पोक्सो नंबर-2 छावनी बनी रही। कोर्ट ने सुबह सभी 16 आरोपितों को दोषी करार दिया। कचहरी में एकाएक सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ने लगी तो अधिवक्ताओं के साथ ही आम आदमी के चेहरों पर अजीब सा खौफ दिखा। दोपहर बाद न्यायाधीश छोटेलाल ने सभी आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी तो कटघरे में खड़े आरोपित खामोश खड़े रहे। वीडियो कांफ्रेसिंग से न्यायालय की कार्यवाही देख रही मीनू त्यागी बेहद शांत नजर आई। चेहरा भावहीन दिखा। सजा के बाद जब सभी 15 आरोपित न्यायालय कक्ष से बाहर आए तो वह मुस्कुराते हुए सीना चौड़ाकर निकले। बाहर खड़ी भीड़ आरोपितों के इस अंदाज पर कानाफूसी करती दिखी।
बेहद सर्तक थी पुलिस
बड़कली सामूहिक हत्याकांड में मीनू त्यागी को फिर दूसरी बार सजा होगी या नहीं? इस पर पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी। अधिवक्ताओं में इसे लेकर तर्क वितर्क चल रहे थे। सोमवार को इस मामले को लेकर पुलिस भी बेहद सर्तक थी। जेल से कचहरी तक पूरी सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। विशेष पोक्सों नंबर-2 न्यायालय के बाद भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। कचहरी में भी हर आने जाने वाले पर निगाह रखी जा रही थी। आने-जाने वालों की तलाशी ली जा रही थी। आम आदमी को पोक्सो न्यायालय-2 से दूर रखा गया था। केवल दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को अंदर जाने दिया गया। विक्की त्यागी की मां सुप्रभा ही अंदर जा सकी। इसके अलावा उदयवीर सिंह के स्वजन यहां नहीं दिखे लेकिन उनके कई करीबी कचहरी में मौजूद रहे।
सुबह भारी सुरक्षा में सभी 11.30 बजे 15 आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया। मीनू त्यागी की वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पेशी हुई। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने सभी आरोपितों को दोषी करार दिया। इससे विक्की त्यागी पक्ष के लोगों के चेहरे लटक गए। सभी आरोपितों को तत्काल हिरासत में लेकर कचहरी लाकअप भेज दिया गया। इसके बाद दोपहर बाद सजा पर सुनवाई हुई।
यह है मामला
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। 11 जुलाई 2011 को गांव बड़कली के निकट ट्रक से कार में टक्कर मारकर रोहाना गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन उदयवीर सिंह समेत उनके आठ स्वजन की सामूहिक हत्या कर दी गई थी। इनमें तीन बच्चे भी शामिल थे। मृतक उदयवीर के भाई ब्रजवीर ने नगर कोतवाली में चरथावल के ब्लाक प्रमुख रहे कुख्यात विक्रांत त्यागी उर्फ विक्की, उसकी पत्नी मीनू त्यागी समेत 20 आरोपितों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई के दौरान विक्की त्यागी, सुशील शुक्ला व उपेंद्र की मौत हो चुकी है। सोमवार को विशेष अदालत पोक्सो नंबर-2 के जज छोटेलाल की कोर्ट में एडीजीसी करणपाल कश्यप और वादी के अधिवक्ता अनिल जिंदल ने पैरवी करते हुए 23 गवाह पेश किए। बचाव पक्ष ने भी छह गवाह पेश किए। सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपित मीनू त्यागी के गैर जनपद जेल में बंद होने के कारण कोर्ट में पेश नहीं किया गया। उसे वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सजा सुनाई गई। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि जज ने मीनू त्यागी, अनिल, ममता, शुभम, लोकेश, प्रमोद, मनोज, मोहित, धर्मेंद्र, रविंद्र, विनोद, विदित, बबलू, बोबी उर्फ विनीत शर्मा, विनीत त्यागी व हरवीर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक अन्य आरोपित को नाबालिग घोषित करते हुए अलग से मामला चलाने के आदेश दिए।

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