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    मऊ में सरयू ने खतरे का निशान किया पार, 30 सेमी ऊपर पहुंचा जलस्तर; लोगों में दहशत… तलाश रहे ठिकाना

    उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार का नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। ये खतरा बिंदु से 30 सेमी ऊपर बह रही है। ऐसे में वहां के लोगों में दहशत का माहौल है। अगर थोड़ा भी नदी का जलस्तर बढ़ा तो तबाही तय है। इसको देखते हुए लोग अपने लिए ठिकाना तलाश रहे हैं।

    By Jaiprakash Nishad Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 22 Jul 2024 06:00 PM (IST)
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    खतरे के निशान के ऊपर पहुंचा सरयू का जलस्तर

    संवाद सूत्र, दोहरीघाट (मऊ)। पिछले चार दिनों से लगातार बढ़ रहा सरयू का जलस्तर अब कहर बरपाने की ओर है। पिछले चौबीस घंटे में नदी का जलस्तर 25 सेमी बढ़ा है। यानी सरयू नदी खतरा बिंदु से 30 सेमी ऊपर बह रही है। अगर 20 सेमी और नदी का जलस्तर बढ़ गया तो तबाही तय है। ऐसे में देवारावासियों की धड़कनें बढ़ गई हैं। वह अपने ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं।

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    सरयू की पूरी धारा मुक्तिधाम के शवदाह स्थल व भारत माता मंदिर पर टकराने लगी हैं। इससे शवदाह स्थल व भारत माता मंदिर के कटान का खतरा मंडरा रहा है। वहीं बंधों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। सिंचाई विभाग ने बंधों की निगरानी बढा दी है।

    खतरा बिंदु के ऊपर पहुंचा सरयू का जलस्तर

    सरयू के जलस्तर पर नजर डालें तो रविवार को जलस्तर 69.95 मीटर पर था। सोमवार को बढ़कर 70.20 मीटर पर पहुंच गया। खतरा बिंदु 69.90 मीटर हैं। बढ़ते जलस्तर के साथ ही तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नदी औराडाड़, चिऊटीडाड़ में अब बंधों के पास से होकर बहने लगी है।

    सुरक्षा के लिए बाढ़ खंड आजमगढ़ व सिंचाई विभाग मुस्तैद

    बंधों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से बाढ़ खंड आजमगढ़ और सिंचाई विभाग मुस्तैद है। वहीं नदी की धारा सीधे मुक्ति धाम पर टकराने से सिंचाई विभाग के होश उड़े हुए हैं। श्मशान घाट के नीचे नदी की लहरें पत्थरों से टकरा रही हैं।

    सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बंधों पर डेरा डाले हुए हैं। दूसरी ओर ठोकरों को बहने से बचाने में विभाग जुटा है। नई बाजार के पास नदी पर बने फोरलेन पुल से नदी सीधे रामपुर धनौली से लेकर मुक्तिधाम तक आकर टकरा रही है।

    बाढ़ में डूबने लगीं फसलें

    नवली गांव से लेकर रामपुर धनौली रिंग बंधों की ओर अब नदी बढ़ने लगी है। इससे फसलें अब बाढ़ में डूबने लगीं हैं। फिलहाल नदी खतरा बिंदु से ऊपर बह रही है। खतरा बिंदु से 60 सेमी ऊपर जाते ही नदी की प्रलयंकारी विभीषिका का आलम ही कुछ अलग देखते बनेगा।

    बंधों पर बढ़ा दी गई गश्त

    सिंचाई विभाग अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिंह के अनुसार, बाढ़ को देखते हुए कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। यही नहीं बंधों पर गश्त बढ़ा दी गई है। मुक्तिधाम व भारत माता मंदिर पर कटान को रोकने के लिए जीओ बैग सुरक्षित रखा गया है। समय-समय पर इसे नदी में गिराया भी जा रहा है।

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