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    Mukhtar Ansari Death : मोदी लहर होने के बावजूद 2017 में मुख्तार ने जीता था विधायक का चुनाव, यह थी सबसे बड़ी ताकत

    Updated: Fri, 29 Mar 2024 12:32 AM (IST)

    Mukhtar Ansari Death महेंद्र भाजपा के सहयोगी दल भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार थे। मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर दिया गया था।पहली बार मुख्तार अंसारी ने बसपा के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव जीता था।फिर जीत का सिलसिला जारी रहा। दो बार मुख्तार निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरा और जीता भी था।

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    मोदी लहर होने के बावजूद 2017 में मुख्तार ने जीता था विधायक का चुनाव, यह थी सबसे बड़ी ताकत

    जागरण संवाददाता, मऊ : कभी हार न मानने वाले, कभी न हारने वाले मुख्तार अंसारी आखिरकार जिंदगी और मौत की जंग में हार गया। इसी के साथ उसके किरदार का भी अंत हो गया। यूपी 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी लहर होने के बादजूद मुख्तार अंसारी ने जीत की कुर्सी अपने नाम की थी। बाहुबली मुख्तार अंसारी ने बीजेपी के सहयोगी दल के प्रत्याशी महेंद्र राजभर को 7464 मतों से करारी शिकस्त दी थी।

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    पहली बार बसपा के टिकट पर लड़ा था चुनाव

    महेंद्र भाजपा के सहयोगी दल भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार थे। मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर दिया गया था।पहली बार मुख्तार अंसारी ने बसपा के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव जीता था। फिर जीत का सिलसिला जारी रहा। दो बार मुख्तार निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरा और जीता भी था।

    भाइयों के साथ मिलकर बनाई थी कौमी एकता दल पार्टी

    एक बार फिर 2007 में मुख्तार बसपा में शामिल हो गया। आपराधिक मामले सामने आऩे के बाद 2010 में बसपा ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया था। इसी बाद मुख्तार अपने भाइयों के साथ मिलकर कौमी एकता दल का गठन किया।

    जिसके बाद साल 2012 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने कौमी एकता दल के टिकट पर मऊ सीट से जीत हांसिल की थी। मुख्तार अंसारी पर 65 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। उसकी शस्त्र लाइसेंस, गैंगेस्टर, मन्ना सिंह व गवाह हत्याकांड, विधायक निधि सहित की मामलों में एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी चल रही थीं।