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    Mission Amrit Sarovar: अमृत सरोवर निर्माण बना धांधली का अड्डा, बिना काम दाम कमाने की कवायद

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Wed, 24 May 2023 02:33 PM (IST)

    Mission Amrit Sarovar मंगलवार को इस तरह का मामला ग्राम पंचायत अस्सी भवन में पकड़ में आया। यहां कागजों में तो 192 श्रमिक सरोवर की खुदाई करते दिखाए गए ह ...और पढ़ें

    अमृत सरोवर निर्माण बना धांधली का अड्डा, बिना काम दाम कमाने की कवायद

    मऊ,संवाद सूत्र। उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवरों की खुदाई का काम जोरों-शोरों से जारी है। इस खुदाई में धांधली की खबरें कई बार आई हैं। अब ताजा मामला मऊ के रानीपुर का है। रानीपुर विकास खंड में मशीन व ट्रैक्टर से अमृत सरोवरों की खुदाई की जा रही है।

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    यहां मई माह के अंत में जहां पूरे जनपद में 46,397 मनरेगा श्रमिक काम करते रहे तो केवल अकेले विकास खंड रानीपुर में 9912 श्रमिक काम करते दिखाए गए। तो यह आंकड़ा बुधवार को बढ़कर 10 हजार पार कर गया। ऐसे में बारिश के पूर्व बिना काम के दाम को ब्लॉक कार्यालय के लिए अमृत सरोवर मुफीद बने हुए हैं।

    पेपर में काम रहे 192 श्रमिक, मौके पर कोई नहीं

    मंगलवार को इस तरह का मामला ग्राम पंचायत अस्सी भवन में पकड़ में आया। यहां कागजों में तो 192 श्रमिक सरोवर की खुदाई करते दिखाए गए हैं, लेकिन मौके पर एक भी मजदूर काम करता नहीं मिला। ग्राम पंचायत में चल रहे कुल छह कार्यों में कागजों में 320 श्रमिक कार्य करते दिखाए गए हैं। यह बानगी तो मात्र एक ग्राम पंचायत की है, इस तरह के कार्य लगभग हर ग्राम पंचायत में किए जा रहे हैं।

    कागजों में श्रमिकों को रोजगार, खेतों में मशीन कर रही काम

    प्रदेश सरकार का गर्मी के सीजन में सबसे अधिक ध्यान अमृत सरोवर योजना पर है। शासन-प्रशासन का मानना है कि बारिश के पूर्व आधिकारिक मनरेगा श्रमिकों को लगाकर सरोवरों की खुदाई का काम पूर्ण करा लिया जाए। इधर इसी आदेश का फायदा उठाते हुए ब्लाक कार्यालय की शह पर ग्राम पंचायतें बिना श्रमिक केवल मशीनों से काम कराकर कागजों में श्रमिकों को रोजगार देने का काम कर रही हैं।

    कागजों में मिल रहा श्रमिकों को रोजगार

    मंगलवार को जब जागरण की टीम शाम चार बजे रानीपुर के अस्सी भवन गांव पहुंची तो यहां तैयार किए जा रहे अमृत सरोवर पर एक भी श्रमिक काम करता न मिला। जबकि सरोवर की खुदाई देर रात ट्रैक्टर से की गई है। जब ब्लाक प्रशासन से इसकी तस्दीक कराई गई तो पता चला कि 23 मई को कागजों में अमृत सरोवर पर 192 श्रमिक काम करते दिखाए गए हैं।