यमुना किनारे बना डंपिग ग्राउंड बढ़ा रहा प्रदूषण
मलबा न हटा तो एनजीटी में दायर होगी अपील
वृंदावन, जासं। यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए न केवल केंद्र सरकार लगी है बल्कि एनजीटी ने भी कड़े आदेश जारी किए हैं। बावजूद इसके नगर निगम की अनदेखी से यमुना किनारे न केवल गंदगी का साम्राज्य है बल्कि कुछ इलाकों में तो डलावघर जैसे हालात नजर आ रहे हैं। मलबे के साथ सॉलिड वेस्ट यमुना में प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है। एनजीटी के अधिवक्ता ने इस मामले को लेकर जल्द ही अपील करने का मन बनाया है।
यमुना किनारे जुगलघाट पर नगर निगम की अनदेखी के चलते डलावघर जैसे हालात बन चुके हैं। यहां यमुना स्नान व पूजन करने आने वाले श्रद्धालुओं को ऐसे हालात ठेस पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं बिना इजाजत यमुना किनारे धार्मिक आयोजन इस गंदगी को और भी बढ़ावा दे रहे हैं। यमुना किनारे लाउडस्पीकर लगाकर ध्वनि प्रदूषण भी जमकर किया जा रहा है।
एनजीटी में अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने बुधवार को इस इलाके में पहुंचकर हालातों पर असंतोष जताया। कहा कि करीब पांच साल पहले सामाजिक कार्यकर्ता महंत मधुमंगलशरणदास की याचिका पर एनजीटी ने ऐसे ही मामलों को लेकर नगर पालिका और जिला प्रशासन पर बीस लाख रुपए का जुर्माना आरोपित किया था। बावजूद इसके न तो जिला प्रशासन और न ही नगर निगम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। तीर्थनगरी होने के नाते हर दिन हजारों श्रद्धालु इस स्थान पर यमुना स्नान व पूजन करने को पहुंचते हैं। कहा कि यदि नगर निगम ने डलावघर को जल्द ही खत्म नहीं करवाया तो वे एनजीटी का ध्यान फिर से इस ओर आकृष्ट करेंगे।