World Snake Day 2025: जागरूक हो रहे लोग, बचाने के लिए करते हैं कॉल; मानसून में Wilflife SOS ने बचाए सौ से अधिक सांप
World Snake Day 2025 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस पर वाइल्डलाइफ एसओएस ने शहरी इलाकों में सांपों के बढ़ते विचरण पर चिंता जताई है। जून से मध्य जुलाई तक एसओएस ने आगरा और आसपास के क्षेत्रों से करीब एक सैकड़ा सांप बचाए हैं। बारिश के कारण सांप बिलों से निकलकर मानव बस्तियों में आ रहे हैं जिससे दहशत है। जागरूकता बढ़ने से लोग हेल्पलाइन पर सूचना दे रहे हैं।

जागरण टीम, मथुरा/आगरा। जहां 16 जुलाई को पूरी दुनिया विश्व सर्प दिवस मनाती है, वहीं वाइल्डलाइफ एसओएस हर मानसून के मौसम में एक गंभीर समस्या की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करती है। शहरी इलाकों में बढ़ता सांपों का विचरण। इस साल अकेले, जून से लेकर मध्य जुलाई तक, वाइल्डलाइफ ने आगरा और आसपास के इलाकों से करीब एक सैकड़ा सर्पों का सफलतापूर्वक बचाव किया है।
भारी बारिश के कारण प्राकृतिक आवासों में पानी भर जाने से, सांपों को अपने बिलों से बाहर निकलकर घरों, स्कूलों, गोदामों और यहां तक कि सार्वजनिक पार्कों जैसे मानव-प्रधान स्थानों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उन जगहों पर रहने वाले लोगों में दहशत फैल रही है। हालांकि, बढ़ती जन जागरूकता के कारण, अधिक से अधिक नागरिक सांपों को नुकसान पहुंचाने या मारने के बजाय, सांप दिखने की सूचना देने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस आपातकालीन हेल्पलाइन का सहारा ले रहे हैं।
सांपों के लिए जरूरी
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा पिछले कुछ वर्षों में हमने सांपों के प्रति लोगों के नजरिए में एक स्पष्ट बदलाव देखा है। डर कर प्रतिक्रिया देने के बजाय, लोग अब सुरक्षित और मानवीय समाधान तलाश रहे हैं। यह बदलाव न केवल उत्साह जनक है, बल्कि पारिस्थितिक रूप से सांपों के अस्तित्व के लिए आवश्यक भी है।
ये सांप बचाए
जून और मध्य जुलाई के बीच, वाइल्डलाइफ एसओएस ने 34 भारतीय रैट स्नेक, 23 स्पेक्टेक्ल्ड कोबरा, 21 कॉमन वुल्फ स्नेक और कई अन्य सांप बचाए हैं। ये सभी सांप बारिश के कारण विस्थापित हो गए थे। वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा, कि सांप हमारे पारिस्थितिक तंत्र में विशेष रूप से कृंतक आबादी को नियंत्रित करने और खाद्य श्रृंखला में संतुलन बनाए रखने में एक जरूरी भूमिका निभाते हैं।
विश्व सर्प दिवस केवल इनकी प्रशंसा के लिए ही नहीं बल्कि शिक्षा के माध्यम से जानकारी देने के बारे में भी है। इन जीवों को समझना और उनका सम्मान करना शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की दिशा में पहला कदम है।
हर प्रजाति नहीं होती है जहरीली
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स और सर्प विशेषज्ञ, बैजूराज एमवी. ने बताया सांपों को अक्सर गलत समझा जाता है और उन्हें आक्रामक या जानलेवा बता दिया जाता है। वास्तव में, ज़्यादातर प्रजातियां जहरीली नहीं होतीं और उकसाए जाने पर ही इंसानों के संपर्क में आती हैं। बचाव के लिए आने वाली कॉलों में बढ़ोतरी दर्शाती है कि जागरूकता अभियान और सामुदायिक प्रयास कारगर साबित हो रहे हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।
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