संत प्रेमानंद और सद्गुरु को लेकर क्या बोले IIT Baba? सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा VIDEO
आईआईटी बाबा उर्फ अभय सिंह जिन्होंने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की संन्यास लेकर आध्यात्मिक मार्ग पर चल पड़े। उनका विज्ञान और आध्यात्म का अनोखा संगम लोगों को आकर्षित करता है। हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे संत प्रेमानंद महाराज और सद्गुरु की शिक्षाओं की तुलना कर रहे हैं। अभय ने ट्रैवल फोटोग्राफी और एनीमेशन जैसे क्षेत्रों में भी काम किया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपको आईआईटी बाबा याद हैं? वही बाबा जिन्होंने महाकुंभ के पवित्र माहौल में सभी का ध्यान खींचा था। आईआईटी बाबा उर्फ अभय सिंह इंजीनियरिंग बाबा के नाम से विख्यात हुए। अभय सिंह की कई वीडियो अभी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इनमें से एक वीडियो में वो संत प्रेमानंद महाराज (Saint Premanand Maharaj) और सद्गुरु (Sadhguru) का जिक्र करते नजर आ रहे हैं।
जूना अखाड़ा के युवा संन्यासी अभय सिंह ने आईआईटी बांबे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद जीवन के अंतिम सत्य की खोज में संन्यास का मार्ग चुना। उनकी बातों में विज्ञान और आध्यात्म का अनोखा संगम देखने को मिलता है। वह कहते हैं, “विज्ञान सत्य तक पहुंचने का माध्यम हो सकता है, लेकिन अंतिम सत्य आत्मज्ञान से ही प्राप्त होता है।”
वायरल वीडियो में क्या है?
आईआईटी बाबा का संत प्रेमानंद महाराज और सद्गुरु को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में अभय सिंह कहते दिख रहे हैं कि जैसे प्रेमानंद जी सिद्ध भक्तयोगी हैं। अब वो जिस चीज को बोलते हैं क्या सद्गुरू भी वही चीज बोलते हैं? अगर बोल भी रहे हैं तो कैसे अलग-अलग हैं और कैसे एक है?
आप अगर उन दोनों को साथ में बिठाकर बात कराओगे तो उससे लोगों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही नॉलिज तो मिलेगी ही क्योंकि वो डिस्कशन कितना इंटेलेक्चुअल होगा।
एयरोस्पेस इंजीनियर से संन्यासी तक का सफर
इंजीनियरिंग की शुरुआत
अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यह वह क्षेत्र था, जहां अच्छे वेतन और करियर की गारंटी थी। लेकिन इंजीनियरिंग के दौरान ही उनका झुकाव दर्शनशास्त्र की ओर होने लगा। अभय कहते हैं, "मैं हमेशा जीवन का अर्थ जानने की कोशिश करता था। पढ़ाई और करियर में पैसे की कमी नहीं थी, लेकिन मन कुछ और ही करना चाहता था।"
विज्ञान से सवालों तक
वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में महारत हासिल करने के बावजूद अभय के मन में एक बड़ा सवाल हमेशा बना रहा—"जीवन का अंतिम उद्देश्य क्या है?" उन्होंने महसूस किया कि उनका असली पैशन फोटोग्राफी में है। इसी के साथ उन्होंने ट्रैवल फोटोग्राफी में करियर बनाने की ठानी।
अलग-अलग क्षेत्रों में अनुभव
पढ़ाई के बाद अभय ने फिजिक्स पढ़ाने, फोटोग्राफी, प्रोडक्ट डिज़ाइन, और एनीमेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया। एक ट्रैवल फोटोग्राफर के रूप में उन्होंने 2000 किलोमीटर की पदयात्रा की और चारधाम यात्रा, काशी, ऋषिकेश, और हिमालय जैसे स्थानों का दौरा किया।
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