Saint Premanand Maharaj: भक्तों को संत प्रेमानंद की पदयात्रा हमेशा के लिए बंद होने की चिंता, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
Saint Premanand Padayatra Update News संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा को लेकर विवाद गहरा गया है। कुछ लोग यात्रा के शोर को लेकर संत का विरोध कर रहे हैं जबकि उनके समर्थक यात्रा जारी रखने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में कई पूर्व अधिकारी और नामी हस्तियां भी संत के समर्थन में उतर आए हैं। इस पूरे विवाद के पीछे कॉलोनी की महिलाओं का प्रर्दशन रहा था।

संवाद सहयोगी, जागरण l वृंदावन। Premanand Govind Sharan: संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा को लेकर इंटरनेट मीडिया में पाले खिच गए हैं। संत के पक्ष में तर्क देने वाले यात्रा के शोर होने की बात को अनुचित बता संत का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग संत के विरोध में उतरी महिलाओं की पीड़ा भी सुने जाने की बात कह रहे हैं। कुछ अनुयायियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक्स पर टैग कर अपनी बात रखी है।
संत प्रेमानंद महाराज ने प्रतिदिन देर रात अपने आवास से आश्रम तक की पदयात्रा को बंद कर दिया है। अब उनके समर्थकों को यह यात्रा हमेशा के लिए बंद होने की चिंता सता रही है। इनमें नामी पूर्व अफसर भी शामिल हैं। ऐसे लोग संत के समर्थन में उतर आए हैं।
अधिकारी समेत कई लोग पदयात्रा के पक्ष में, दिन भर होती रही चर्चा
जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पाल वेद ने एक्स पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए लिखा है कि संत प्रेमानंद एक आध्यात्मिक गुरु हैं। प्रवचनों से युवाओं को नैतिक, चारित्रिक एवं आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन कर रहे हैं। संत की दर्शन यात्रा को रोका न जाए। इसके जवाब में एक्स पर कैलाश भारद्वाज ने इस विरोध को साजिश का हिस्सा बताते हुए पोस्ट किया है कि संत प्रेमानंद महाराज के खिलाफ कोई षड्यंत्र करा रहा है, जो नहीं चाहता कि भजन कीर्तन हो।
मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को टैग कर पोस्ट किया है कि संत की पदयात्रा में होने वाले शोर का विरोध करने वाली महिलाओं का भी दर्द सुना जाना चाहिए। रोज बरात जैसा माहौल बगल से निकले तो अच्छा नहीं।
संत की पदयात्रा का विरोध सनातन धर्म को क्षति पहुंचाने का प्रयास
सुजीत कुमार नामक भक्त ने लिखा कि संत की पदयात्रा का विरोध सनातन धर्म को क्षति पहुंचाने का प्रयास है। राहुल नामक भक्त ने संत को सुझाव दिया कि यदि संत प्रेमानंद का आश्रम 24 घंटे खुला रहे तो रात दो बजे परिक्रमा मार्ग पर खड़े होने की जरूरत न पड़े।
अनुयायियों ने भड़ास निकाली
वहीं, संत की पदयात्रा का विरोध करने वालों पर बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों ने भड़ास निकाली। इस मामले को लेकर एक्स और फेसबुक पर सैकड़ों लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को टैग कर अपने विचार रखे हैं। इनमें अधिकांश लोगों ने संत प्रेमानंद का समर्थन किया है तो कुछ लोगों ने विरोध भी किया है।
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