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    Saint Premanand: जो लेने आए थे वह सब मिल गया... संत प्रेमानंद से मिलकर बदल गए विराट और अनुष्का के चेहरे

    Saint Premanand Maharaj News विराट कोहली और अनुष्का शर्मा वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद विराट पत्नी अनुष्का के साथ रमणरेती स्थित आश्रम गए। उन्होंने संत के प्रवचन सुने और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया। दोनों ने राधा-कृष्ण की भक्ति में समय बिताया और आशीर्वाद लिया। सबसे चार जनवरी 2023 को पहली बार दोनों संत प्रेमानंद के पास पहुंचे थे।

    By vineet Kumar Mishra Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 14 May 2025 07:36 AM (IST)
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    Saint Premanand Maharaj: वृंदावन के संत हैं प्रेमानंद महाराज।

    विनीत मिश्र, जागरण, वृंदावन। Saint Premanand Maharaj: आस्था, विश्वास और भक्ति। तीन रंगों से सजी यह तस्वीर बहुत कुछ कहती है। ब्रज की महिमा ऐसी है, जो यहां आया, राधा-कृष्ण की भक्ति में डूब गया। मंगलवार को अपने क्रिकेट से दुनिया को दीवाना बनाने वाले विराट कोहली भी फिल्म अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ ब्रज में थे। न आडंबर न कोई ग्लैमर। पूरी तरह भक्ति के रंग में रंगे। सामने थे दुनिया भर अपने प्रवचन के लिए विख्यात संत प्रेमानंद।

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    यह आस्था ही थी कि संत प्रचवन देते रहे और एक-एक शब्द कानों के रास्ते दोनों के दिल में उतरता रहा। चेहरे पर उहापोह के भाव लेकर आए विराट और अनुष्का जब गए तो संतोष के भाव यह बता रहे थे वह जो लेने आए थे, वह सब मिल गया।

    सोमवार देर रात से विराट और अनुष्का के यहां आने की अपुष्ट चर्चाएं थीं। रात में वृंदावन के होटल में ठहरे और सुबह करीब छह बजे वृंदावन के रमणरेती स्थित संत प्रेमानंद के श्रीराधाकेलिकुंज आश्रम पहुंचे। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के ठीक अगले दिन ही विराट वृंदावन में थे।

    टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद मंगलवार को वृंदावन के श्रीराधाकेलिकुंज आश्रम में संत प्रेमानंद से मुलाकात कर उससे अध्यात्मिक चर्चा करते भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और व उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा। फोटो-सौजन्य से आश्रम

    दाेनों ने संत के सामने हुए दंडवत

    यह भक्ति का भाव था कि आम नागरिक की तरह दोनों सेलिब्रिटी संत के सामने थे। हल्के रंग के प्रिंटेड कुर्ता सलवार में अनुष्का और पैंट शर्ट में विराट कोहली। आस्था इसी को कहते हैं दोनों ने संत के सामने दंडवत की। संत ने पूछा प्रसन्न हो, तो दोनों हाथ जोड़े और विराट धीरे से मुस्कराए और बोले जी ठीक हैं। संत ने कहा खूब आनंदित रहो। शायद विराट और अनुष्का के मन के भाव संत ने पढ़ लिए। तभी बोले, प्रभु का विधान बताता हूं। जब प्रभु किसी पर कृपा करते हैं। वैभव मिलना कृपा नहीं, पुण्य है। पुण्य तो घोर पापी को भी उसके पिछले पुण्य से मिल जाता है। भगवान की कृपा तो मन के अंदर का चिंतन बदलने से मानी जाती है। दोनों के मन में उत्सुकता थी।

    प्रेमानंद महाराज ने जिज्ञासा शांत की

    प्रेमानंद महाराज फिर जिज्ञासा शांत की। बोले, हमारा स्वभाव बन गया है बहीमुखी। बाहर यश, कीर्ति, लाभ, विजय से सुख मिलता है। भगवान जब कृपा करते हैं तो संत समागम देते हैं। जब दूसरी कृपा करते हैं तो विपरीतता देते हैं। फिर अंदर से रास्ता देते हैं कि यह मेरा परमशांति का रास्ता है। जीव को अपने पास बुलाते हैं। विराट जब भी विचलित हुए संत प्रेमानंद की शरण में गए। इस बार भी उनके बिना कुछ कहे, वह सब समझ गए फिर बोले, किसी को वैराग्य होता है तो प्रतिकूलता देखकर देता है। जब सब हमारे प्रतिकूल होता है तो आनंदित होते हैं।

    प्रतिकूल समय आए तो आनंदित होकर सोचें

    संत फिर बोले, जितने महापुरुष हुए, जिनका जीवन बदला, प्रतिकूलता से बदला। जब प्रतिकूल समय आए ताे आनंदित होकर सोचें भगवान की कृपा हुई है, सत्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली है। इसलिए आनंद पूर्वक भगवान का नाम जब करे। करीब साढ़े तीन मिनट तक संत प्रेमानंद को गंभीरता से सुनती अनुष्का ने फिर सवाल किया बाबा, क्या नामजप से सब पूरा हो जाएगा। उत्तर भी उतना ही तार्किक मिला। बोले, बिल्कुल होगा। फिर उदाहरण दिया, हमने अपने जीवन में इसका अनुभव किया है। सांख्ययोग, कर्मयोग, आष्टांग योग और भक्ति योग में हमारा प्रवेश रहा है। पहले हम संन्यासी रहे काशी विश्वनाथ में 20 वर्ष।

    भगवान शंकर से बढ़कर ज्ञानी नहीं

    संत प्रेमानंद ने कहा भगवान शंकर से बढ़कर कोई ज्ञानी नहीं। वह हर समय राम-राम और सनकादिक हरि शरणम जपते रहते हैं। वाणी के हर शब्द को इतना ध्यान से सुना, मानों से उन साथ -साथ गुन रहे हों। संत ने फिर कहा, यदि राधा-राधा जपते हो तो इसी जन्म में भगवत प्राप्ति होगी। दोनों को राधानाम की चुनरी ओढाई, तो उसे ऐसे शरीर से चिपकाया, मानों सब कुछ मिल गया। फिर दंडवत की और प्रस्थान किए। आश्रम में करीब साढ़े तीन घंटे गुजारे। वह वाराह घाट में रहने वाले संत प्रेमानंद के गुरु गौरांगी शरण से भी मिले, पांच मिनट उनका आशीर्वाद लिया और फिर दिल्ली निकल गए।

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    सबसे चार जनवरी 2023 को पहली बार दोनों संत प्रेमानंद के पास पहुंचे

    यह विराट और अनुष्का की धर्म के प्रति आस्था ही है कि जब वह जब-जब संकट में आए संत के पास पहुंचे। सबसे चार जनवरी 2023 को पहली बार दोनों संत प्रेमानंद के पास पहुंचे, तब भी अध्यात्मिक चर्चा की। इस वर्ष जनवरी में विराट खराब फार्म से जूझ रहे थे। विचलित थे, तो फिर दस जनवरी को संत की शरण में पहुंचे। तब पूछा था असफलता से बाहर कैसे निकलेें। तब उत्तर मिला अभ्यास जारी रखें।