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    मथुरा में वसंत पंचमी से रंगों का उत्सव शुरू, ठाकुर बांकेबिहारी को लगाया गया गुलाल... 40 दिनों तक चलेगा फाग महोत्सव

    Updated: Sun, 02 Feb 2025 08:04 PM (IST)

    बसंत पंचमी के साथ ही ब्रज में रविवार से 40 दिवसीय होली उत्सव की शुरुआत हो गई है। मंदिरों में ठाकुरजी को वसंत के रंग में सजाया गया है और भक्तों ने जमकर होली खेली। बरसाना में लाडलीजी मंदिर में भी होली का डांढ़ा गाड़ा गया और भक्तों ने राधारानी के दर्शन किए। गोवर्धन में गिरिराजजी का विशेष शृंगार किया गया और भक्तों ने उनके साथ होली खेली।

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    मथुरा में 40 दिनों का रंगों का उत्सव शुरू। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, मथुरा। वसंत पंचमी से ब्रज में 40 दिवसीय होली के आयोजन शुरू हो गए। ठाकुरजी ने वसंती वस्त्र धारण कर दर्शन दिए। श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन को श्रद्धालु उमड़ते रहे। मंदिर और चौराहों पर होली का डांढ़ा गाड़ा गया। वसंत पंचमी का उल्लास हर ओर छाया रहा।

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    श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर श्रीकेशवदेवजी महाराज ने दिव्य वसंती वस्त्र धारणकर भक्ताें को दर्शन दिए। मंदिर के गर्भ गृह व जगमोहन को वसंती भवन के स्वरूप में सजाया गया। वसंती वस्त्र, पुष्प, प्रकाश के संयोजन से बनाए वसंती भवन में विराजमान ठाकुर श्रीकेशवदेवजी के मंदिर की छठा अद्भुत थी। ठाकुरजी के मनोहारी दर्शन से श्रद्धालु अभिभूत थे।

    देश-विदेश से आए श्रद्धालु आनंदित थे। श्रद्धालुओं को पीले बेर, केसरिया चावल, रेबड़ी प्रसाद का वितरण किया गया। ठाकुरजी को वसंती गुलाल धारण कराया गया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की होली का शुभारंभ हो गया। मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश में ठाकुरजी के समक्ष अबीर गुलाल धराया गया। मंदिर मुखिया सुधीर कुमार द्वारा प्रसादी दी गई। ठाकुर को गर्म वस्तुओं का भोग धरना बंद हो जाता है और कर्म पोशाक भी उतरना शुरू हो जाते हैं।

    ठाकुरजी ने पीले वस्त्र धारण किए

    ठाकुरजी को पीले वस्त्र धारण कराए गए। 12 फरवरी को पूर्णिमा के दिन होली का डांढ़ा गाड़ा जाएगा। पड़वा के दिन से रसिया गायन सुबह 10 बजे से सुबह 11 बजे तक होगा। मीडिया प्रभारी एड. राकेश ने बताया कि सोमवार से ठाकुरजी को गर्म वस्तुओं का भोग नहीं लगेगा। गर्म वस्त्र भी धारण नहीं कराए जाएंगे। प्राचीन मंदिर ठाकुर श्री केशव देवजी में वसंत पाटोत्सव के अंतिम दिन ठाकुरजी को छप्पन भोग धाराया गया।

    सुबह सेवायत शंकर लाल गोस्वामी, मुन्नीलाल गोस्वामी ने ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक किया। भगवान का शृंगार किया गया। ठाकुरजी को जगमोहन में रजत सिंहासन पर विराजमान किया गया। फूल बंगला सजाया। छप्पन भोग लगाए गए। मंदिर प्रांगण को पीली लाइटों से सजाया गया। श्री कृष्णा सामूहिक संकीर्तन मंडल ने भजन प्रस्तुत किए। सोहनलाल शर्मा, सुरेश अग्रवाल, मनमोहन, महेश गोयल, मुकुटमणि शर्मा, पीपी शर्मा, दीपक शर्मा मौजूद रहे।

    लाडलीजी मंदिर में भक्तों ने किए दर्शन

    बरसाना: ललित लवंग लता परिशीलन कोमल मलय समीरे, मधुकर निकर कंरवित कोकिल कूजित कुटीरै के पदों के साथ रविवार को बरसाना में रंगीली होली महोत्सव का शुभारंभ बृषभान नंदनी के चरणों में गुलाल अर्पित कर हो गया। विश्व प्रसिद्ध लाडलीजी मंदिर में गोस्वामियों द्वारा होली के प्रतीक के रूप में डांढ़ा गाड़ा गया। वसंती फूलों के बंगले में विराजमान होकर वृषभानु दुलारी ने भक्तों को दर्शन दिए।

    ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित लाडलीजी मंदिर वसंती रंग में रंगा नजर आ रहा था। श्रद्धालु भी वसंत के रंग में रंगने को आतुर हो रहे थे। सुबह से ही श्रद्वालुओं का आना शुरू हो गया। सभी आराध्य राधारानी के दर्शनों को उतावले नजर आ रहे थे। शाम करीब पांच बजे लाडलीजी मंदिर में सेवायत गोस्वामियों द्वारा राधारानी को मुकुट व चुंदरी से सजे ध्वज रूपी (डाढ़े) को गर्भ ग्रह में विधि विधान से पूजकर रोपा गया।

    जगमोहन में बने वसंती फूल बंगले में राधाकृष्ण के श्रीविग्रह को वसंती वस्त्र धारण कराकर विराजमान कर श्रीचरणों में गुलाल अर्पित किया। उनके समक्ष होली का डांढ़ा रोपकर स्थापित किया गया। सेवायतों द्वारा छप्पन प्रकार के वसंती व्यंजनों से बृषभान नंदनी को भोग लगाया गया। मंदिर परिसर को वसंती परिधानों से सजाया गया। मंदिर परिसर राधारानी के जयघोषों से गूंज रहा था। प्रेम भरी लठामार होली का आगाज ब्रज मंडल में हो गया।

    40 दिनों तक चलेगा फाग महोत्सव

    फाग महोत्सव 40 दिनों तक चलेगा, जो ब्रज में जगह-जगह होली के रूप में देखने को मिलेगा। सेवायत बलराम गोस्वामी ने बताया कि लठामार होली की प्रथम चौपाई महाशिवरात्रि 26 फरवरी व द्वितीय चौपाई लड्डू होली के दिन सात मार्च को लाडलीजी मंदिर से लेकर रंगेश्वर महादेव तक निकाली जाएगी।

    ध्वज रूपी डांढ़ा को दोनों चौपाई में आगे लेकर चला जाता है। नंदगांव की लठामार होली वाले दिन बरसाना के हुरियारे इस डांढ़ा को लेकर होली खेलने जाते हैं। लड्डू होली सात मार्च व लठामार होली आठ मार्च को होगी। नंदगांव की लठामार होली नौ मार्च को खेली जाएगी।

    ब्रजभूमि में शुरू हुआ 40 दिन का रंगों का उत्सव

    गोवर्धन: ब्रजभूमि में 40 दिन का रंगों का उत्सव वसंत पंचमी से शुरू हो गया। वसंत पंचमी पर दानघाटी गिरिराजजी व मुकुट मुखारविंद गिरिराजजी का सोने के आभूषणों से शृंगार किया गया। स्वर्णिम आभा बिखेरता मुकुट, कस्तूरी तिलक, गले में सोने का हार, हाथों में चांदी की लकुटि, पोशाक पर लहराती अलकावली। वसंती पोशाक धारण कर प्रभु ने वसंती भोग लगाया। तिरछी चितवन से मुस्कराते प्रभु का विशेष शृंगार का यशोगान जयकारों में सुनाई दिया। आकर्षक शृंगार के दर्शनों को देर शाम तक भक्तों की लंबी कतार लगी रही।

    रविवार को भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप में विराजमान गिरिराज प्रभु के साथ खेली गई होली से मंदिर प्रांगण प्रेम के रंगों से सराबोर नजर आया। फाल्गुन की मस्ती और श्याम रंग में रंगी होली का शुभारंभ सुबह बेला में दानघाटी मंदिर पर सेवायत मथुरा दास कौशिक लाला पंडित व मुकुट मुखारविंद मंदिर पर सेवायत जैकी शर्मा ने गिरिराजजी का केशर युक्त दूध से अभिषेक कर किया।

    गिरिराजजी को होली खिलाया गया

    गिरिराजजी को सर्वांग गुलाल लगाकर रंग उड़ाए। प्रभु से रंग व फूलों से भक्तों ने भी जमकर होली खेली। ब्रज के मंदिरों में वसंत पंचमी से होली खेली जाती है, शाम को प्रभु का पीले फूलों से शृंगार कर पीले रंग की मिठाइयों का भोग समर्पित किया गया। सेवायत मथुरा दास कौशिक लाला पंडित ने बताया कि गिरिराजजी के बिना होली का उत्सव अधूरा है।

    शाम की बेला में विभिन्न प्रजातियों के सुगंधित केशरिया पुष्प और स्वर्ण आभूषणों से शृंगार किया गया। मुकुट मुखारविंद मंदिर रिसीवर कपिल चतुर्वेदी ने बताया कि प्रभु के बालभोग में माखन मिश्री के अलावा केशरिया मीठा दूध का भोग लगाया गया। प्रभु को मंदिर में ही विभिन्न व्यंजन तैयार किए गए। इस बार रोशनी के भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।

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