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Bankebihari Mandir Corridor: बांकेबिहारी मंदिर गलियारा की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, 23 जनवरी की तारीख

Banke Bihari Corridor मंदिर सेवायतों की अपील स्वीकार 23 जनवरी को होगी सुनवाई। कारिडोर के लिए हाईकोर्ट की टीम ने वृंदावन का दौरा किया था। जिसके बाद मकानों और गेस्टहाउस की नाप हुई थी। तोड़फोड़ का विरोध यहां के सेवायत कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaTue, 17 Jan 2023 08:00 AM (IST)
Bankebihari Mandir Corridor: बांकेबिहारी मंदिर गलियारा की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, 23 जनवरी की तारीख
Bankebihari Mandir Corridor: बांकेबिहारी मंदिर गलियारा की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट।

संवाद सहयोगी, वृंदावन-मथुरा। ठा. बांकेबिहारी मंदिर के प्रस्तावित गलियारा के मुद्दे को लेकर मंदिर सेवायतों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मंदिर सेवायतों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की अब तक की कार्रवाई को चुनौती दी है कि बिना उनकी राय लिए मंदिर के पुनर्विकास योजना पर विचार किया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है सदियों से मंदिर की देखरेख करने वाले गोस्वामियों के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्हें सुनवाई का उचित मौका दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में गोस्वामियों की अपील को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर 23 जनवरी को सुनवाई की तिथि नियत की है।

सेवायतों ने सुप्रीम कोर्ट में रखा अपना पक्ष

ठा. बांकेबिहारी मंदिर के मोहनबाग में सोमवार की शाम मामले की जानकारी देते हुए सेवायत गोस्वामियों ने बताया,उन्होंने सितंबर में मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर उच्च न्यायालय में अनंत शर्मा द्वारा दायर याचिका में अपना पक्ष रखने की अपील की थी। लेकिन, हमें सुने बिना ही लगातार याचिका पर आदेश पारित होते रहे। इसके बाद ही उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और राजभोग सेवा के करीब 20 सेवायतों ने एकराय होकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। मंदिर सेवायत ब्रजेश गोस्वामी, बालकृष्ण गोस्वामी, देवेंद्रनाथ गोस्वामी समेत बीस गोस्वामियों ने कहा, उनके अभियोग आवेदन सितंबर के पहले सप्ताह से उच्च न्यायालय में लंबित रखे गए हैं। जबकि मंदिर के मामलों से संबंधित रिपोर्ट मांगी जा रही हैं।

सुबे बिना की गई कार्रवाई शून्य

याचिकाकर्ताओं का कहना है उच्च न्यायालय ने कहा कि इस कार्रवाई से संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 व 26 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड बनाम अजय कुमार व अन्य और कस्तूरी बनाम उय्यपेरूमल और अन्य दो में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों पर भरोसा करते हुए तर्क दिया कि वे आवश्यक पक्षकार हैं और उन्हें सुने बिना की गई कार्रवाई शून्य है। याचिकाकर्ताओं की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाल के साथ मामले को 23 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।

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ये रहे थे मौजूद

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता स्वरूपमा चतुर्वेदी की अगुवाई में विदुला मेहरोत्रा, उत्सव सक्सेना, कवीश नायर, वर्धर्म चेंबर्स के शुभांकर शुभंकर सिंह व सौम्या कपूर व गोपी नगर ने प्रतिनिधित्व किया। वार्ता में रजत गोस्वामी, ब्रजेश गोस्वामी, घनश्याम गोस्वामी, गोपाल गोस्वामी, गोपी गोस्वामी, संतू गोस्वामी, मनोज गोस्वामी, धर्मेंश गोस्वामी, तरुण गोस्वामी, अप्पी गोस्वामी मौजूद रहे।