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    Radha Ashtami 2024: वृषभानु की दुलारी के प्राकट्य पर ब्रहमांचल पर्वत पर गूंजे जयकारे, चार बजे हुआ अभिषेक

    Updated: Wed, 11 Sep 2024 09:10 AM (IST)

    Radha Ashtami 2024 Celebration In Barsana Update News राधाष्टमी की धूम बरसाना में मची है। ब्रहमांचल पर्वत पर राधारानी के प्राकट्य पर भक्तों में उत्साह है। बधाई गायन की धूम मंदिर परिसर में मची है। तड़के राधारानी के विग्रह का अभिषेक यमुना सहित सात नदियों के जल से हुआ। कृष्ण की आल्हादिनी शक्ति के अवतरित होने पर नंदगांव से भी लोग बधाई देने पहुंचे।

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    ब्रहमांचल पर्वत पर राधारानी का प्राकट्य के दौरान अभिषेक करते सेवायत।

    जागरण संवाददाता, मथुरा। बुधवार की सुबह शुभ घड़ी लेकर आई। राधाष्टमी पर राधारानी का जन्म हुआ तो हर ओर जयकारे गूंजने लगे। के लिए चारों दिशाओं से श्रद्धालु उमड़ पड़े। आराध्य के दर्शन के लिए लाखों की भीड़ उमड़ी।

    जन्म से पूर्व रात दो बजे लाड़ली मंदिर पर बधाई गायन के बाद चार बजे मंदिर वेद मंत्रों से गूंज उठा। रात दो बजे से मंगल बधाइयों का गायन किया गया। इसमें दाई, मान, सवासनी, नाइन, नामकरण लीलाओं के पदों का प्रस्तुतिकरण किया गया।

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    चार बजे मंदिर में बजे घंटे−घड़ियाल

    बुधवार सुबह चार बजे से मंदिर के गर्भ ग्रह में घंटे-घड़ियाल बजने लगे। भक्त राधारानी के जयकारे लगा रहे थे। सेवायतों ने ब्रजाचार्य नारायन भट्ट द्वारा प्रकट विग्रह को चांदी की चौकी में विराजमान किया तो कमल पुष्पों के सौंदर्य से अपने सौभाग्य पर चौकी मुस्करा उठीं।

    सात नदियाें के जल से स्नान

    मंदिर के सेवायत परिवारों के आचार्य वेद मंत्रों का उच्चारण करने लगे। मूल नक्षत्र में जन्मी राधारानी का बुधवार सुबह चार बजे से लगातार एक घंटा अभिषेक किया गया। दूध, दही, शहद, गाय का घी, इत्र, बूरा, 27 पेड़ों की पत्तियां, 27 जगह की रज, 27 कुओं का जल, सप्त अनाज, सात मेवा, सात फल से बारी-बारी से वृषभानु नंदनी के विग्रह का अभिषेक किया। यमुना जी सहित सात नदियों के जल से भी स्नान कराया गया।

    राधारानी के विग्रह का अभिषेक करते सेवायत।

    पीले रंग की पोशाक की धारण

    अभिषेक के उपरांत सुबह 5:30 बजे महारानी को पीले रंग की पोशाक धारण कराई गई। राधा जन्म को देखकर श्रृद्धालु बरसाने वाली की जय, वृषभानु नंदनी की जय जयकार करने लगे। सेवायतों ने युगल स्वरूप की आरती उतारी। सुबह करीब आठ बजे राधारानी ने शीश महल से भक्तों को दर्शन दिए।

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    कृष्ण की आल्हादिनी शक्ति के अवतरित होने की खुशी में नंदगांव से लोग दूसरे दिन भी बधाई लेकर पहुंचे। वृषभानु जी को लाली के जन्म की बधाई देने के बाद यह लोग वृषभानोत्सव में जमकर थिरके।