बिना पिस्टल या हथियार के कैसे लड़ें? IPS आशना चौधरी ने सिखाए महिला पुलिसकर्मियों को लड़ने के दांवपेच
मथुरा में महिला सशक्तिकरण और आत्मरक्षा के लिए पुलिस लाइन में विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। सीओ सिटी आईपीएस आशना चौधरी ने 45 महिला पुलिस कर्मियों को बिना हथियार के लड़ने के तरीके सिखाए। प्रशिक्षण में पंच से बचाव और हमले से निपटने की तकनीकें शामिल थीं। इसका उद्देश्य महिला पुलिस को शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम बनाना है ताकि वे किसी भी स्थिति में मुकाबला कर सकें।

जागरण संवाददाता, मथुरा। महिला सशक्तिकरण और आत्मरक्षा को लेकर सीओ सिटी आईपीएस ने पुलिस लाइन में सोमवार को विशेष प्रशिक्षण शिविर में 45 महिला पुलिस कर्मियों को बिना हथियार के हाथ से लड़ने के दांवपेच सिखाए। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण न सिर्फ ड्यूटी के दौरान बल्कि निजी जीवन में भी सुरक्षा कवच साबित होगा।
पुलिस लाइन में विशेष प्रशिक्षण शिविर में 45 महिला कर्मियों ने लिया हिस्सा
महिला सशक्तिकरण और आत्मरक्षा को लेकर पुलिस लाइन में सोमवार को विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें सीओ सिटी आईपीएस आशना चौधरी ने 45 महिला पुलिसकर्मियों को बिना हथियार के हाथ से लड़ने के दांवपेच सिखाए। इसमें खासतौर पर पंच का बचाव और कंट्रोल, कॉलर या गर्दन पकड़े जाने की स्थिति में प्रतिक्रिया, अचानक धक्का या हमले से निपटने के तरीके और प्रेशर प्वाइंट का इस्तेमाल कर आत्मरक्षा के उपाय शामिल रहे।
शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम बनाना उद्देश्य
प्रशिक्षण के दौरान सीओ सिटी आईपीएस ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम बनाना ही हमारा उद्देश्य है कि वे किसी भी परिस्थिति में बिना हथियार भी हमलावर को मात दे सकें। यह प्रशिक्षण न सिर्फ ड्यूटी के दौरान बल्कि निजी जीवन में भी सुरक्षा कवच साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से महिला पुलिसकर्मी आपात स्थितियों में तुरंत और सशक्त कार्रवाई करने में सक्षम होंगी।
मिशन शक्ति अभियान के तहत अभ्यास
मिशन शक्ति अभियान के तहत आने वाले दिनों में भी इस तरह के विशेष अभ्यास और ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए जाएंगे। अब महिला पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था संभालने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हर चुनौती का डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।
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