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Banke Bihari Mandir: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में पांच दिन होगी रंगाें की बरसात, कब से शुरू होंगे कार्यक्रम, देखिए यहां

Holi Celebration In Banke Bihari Mandi ठाकुर बांकेबिहारी के आंगन में पांच दिन तक जमकर रंगों की बरसात होगी तो होली के इन रंगों में सराबोर होने को देश दुनिया के लाखों भक्त डेरा डालेंगे। बांकेबिहारी मंदिर में 20 से शुरू होगी पांच दिवसीय रंगीली होली। अब ब्रजमंडल में चढ़ने लगा फाग का रंग। मंदिरों में भी उड़ रहा है गुलाल।

By Abhishek Saxena Edited By: Abhishek Saxena Tue, 27 Feb 2024 07:28 AM (IST)
Banke Bihari Mandir: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में पांच दिन होगी रंगाें की बरसात, कब से शुरू होंगे कार्यक्रम, देखिए यहां
Banke Bihari Mandir: बांकेबिहारी मंदिर में 20 से शुरू होगी पांच दिवसीय रंगीली होली

संवाद सहयोगी, वृंदावन। फाल्गुन का महीना शुरू होते ही ब्रज में अब फाग का असर दिखाई देने लगा है। लोग होली की तैयारियों में जुट गए हैं, तो मंदिरों में उड़ते गुलाल में श्रद्धालु में सराबोर होकर होली के रसिया गायन पर जमकर नृत्य कर रहे हैं।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रंगों की होली 20 मार्च को रंगभरनी एकादशी से शुरू होगी। जो पांच दिन तक लगातार चलेगी। 

एकादशी से शुरू होगा आयोजन

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा की रात्रि तक लगातार पांच दिन स्वामी हरिदास के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रंगीली होली का आयोजन होगा। छठे दिन धुल्हेंडी को डोलोत्सव का आयोजन होगा।

  • 20 मार्च रंगभरनी एकादशी से आरंभ होकर 24 मार्च पूर्णिमा की रात तक मंदिर में सुबह से शाम तक होली का रंग बरसेगा।
  • होली में गुलाल, अबीर, टेसू के फूल का रंग, चोवा, चंदन, इत्र, अरगजा, केसर, गुलाब जल, केवड़ा का प्रयोग होगा।
  • ठाकुर बांकेबिहारी के गर्भगृह से बरसते हुए कृपारूपी रंग की एक-एक बूंद के लिए श्रद्धालु लालायित रहते हैं। मान्यता है इस टेसू के गुनगुने रंग में भीगने से त्वचा संबंधित परेशानियां नहीं होतीं व चर्मरोग सही हो जाते हैं।

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प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि आनंद का पर्व होली महोत्सव का शुभारंभ रंगभरनी एकादशी पर ठाकुरजी का श्वेत धवल पोशाक धारण कर दिव्य श्रृंगार किया जाएगा और उन्हें मंदिर के जगमोहन में स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान कराया जाएगा।

सिंहासन के समीप ही ललिताजी, विशाखाजी, चित्राजी, रंगदेवी नामक सखियों के मध्य ठाकुरजी विराजमान होकर भक्तों संग रंगों की होली होगी। ठाकुरजी को हर दिन चाट, ठंडाई, गर्म जलेबी का भोग अर्पित होगा।