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श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले में अब 10 दिसंबर को सुनवाई

ाी कृष्ण जन्मस्थान मामले में दायर अपील पर सुनवाई के लिए जिला जज साधना रानी ठाकुर की अदालत ने अब 10 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 05:10 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 05:10 AM (IST)
श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले में अब 10 दिसंबर को सुनवाई

जागरण संवाददाता,मथुरा: श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले में दायर अपील पर सुनवाई के लिए जिला जज साधना रानी ठाकुर की अदालत ने अब 10 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है। चार प्रतिवादियों में तीन की ओर से वकालतनामा दाखिल किया गया।

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बुधवार को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से अधिवक्ता शैलेश दुबे, शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से अधिवक्ता नीरज शर्मा और श्री कृष्ण जन्म स्थान की ओर से अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने अपना वकालतनामा कोर्ट में दाखिल किया। अधिवक्ताओं ने जवाब दाखिल करने को अगली तारीख तय करने की मांग की। जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह ने बताया कि अब इस मामले में 10 दिसंबर को सुनवाई होगी। अभी श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से वकालतनामा दाखिल नहीं किया गया है।

ये है मामला

श्री कृष्ण विराजमान और लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत आठ वादियों की ओर से जिला जज साधना रानी ठाकुर की अदालत में अपील दायर की गई थी। इसमें श्री कृष्ण जन्म स्थान को 13.37 एकड़ जमीन सौंपने और वहा से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की माग की गई। अपील में तर्क दिया गया कि यह जमीन श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की है, 1968 में हुआ श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता अवैध है। इस मामले में अदालत ने बीते 16 अक्टूबर को श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को नोटिस जारी कर 18 नवंबर को जवाब दाखिल करने को कहा था।

कानूनी जंग का सफर

-25 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया गया था।

-30 सितंबर को वाद खारिज हो गया।

-11 नवंबर को श्री माथुर चतुर्वेद परिषद के महामंत्री राकेश तिवारी और अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की ओर से पक्षकार बनने के लिए प्रार्थनापत्र दिया गया।

-12 अक्टूबर को इस मामले में जिला जज की अदालत में अपील दायर की गई।

-16 अक्टूबर को जिला जज की अदालत ने चारों प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था।

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संपत्ति का मालिक केवल ट्रस्ट है

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अदालत में वकालतनामा दाखिल करने वाले अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जिस संपत्ति का विवाद चल रहा है, उसका मालिक एकमात्र ट्रस्ट है, अन्य किसी का कोई संबंध विवादित संपत्ति से नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण के लाखों भक्त पूरी दुनिया में हैं,उन भक्तों की भावना को कभी भी ठेस नहीं पहुंचेगी।

चतुर्वेद परिषद व पुरोहित महासभा का तर्क

11 नवंबर को श्री माथुर चतुर्वेद परिषद के महामंत्री राकेश तिवारी और अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक की ओर से कोर्ट में पक्षकार बनने को प्रार्थनापत्र दिया था। उनका तर्क है कि भगवान श्रीकृष्ण का हमसे बड़ा भक्त कोई नहीं हो सकता है। हम ऐसे समाज से जुड़े हैं, जिसका जीवन पंडा व पुरोहित गिरी पर आधारित है। यदि पूर्व में दायर वाद से कोई विवाद होता है, तो श्रद्धालु यहां आना छोड़ देंगे। इसका सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ेगा। शाही मस्जिद ईदगाह पिछले तीन सौ साल से कायम चली आ रही है। ऐसे में ये वाद प्लेस आफ वर्शिप एक्ट से बाधित है। उन्होंने वाद खारिज करने की भी मांग की है।

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हमने दो पक्षों की ओर से दिए प्रार्थनापत्र की कापी रिसीव कर ली है। हम अपने तथ्यों के आधार पर इसका विरोध करेंगे। 10 दिसंबर को तर्कसंगत पक्ष न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे।

विष्णु शंकर जैन, अधिवक्ता वादी पक्ष

कांग्रेस वाद खारिज कराना चाहती है: रंजना

मथुरा: वादी पक्ष से लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस दायर किए गए वाद को खारिज कराना चाहती है। इसीलिए कांग्रेस नेता महेश पाठक की संस्था अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा और श्री माथुर चतुर्वेद परिषद की ओर से वाद खारिज करने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिए गए हैं। महेश पाठक 2019 में मथुरा से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। राम मंदिर के मामले में भी कांग्रेस का मंतव्य नहीं था कि मंदिर बने। हम वाद दायर करने के अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, हम राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं।

मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सदस्य हूं। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा और श्री माथुर चतुर्वेद परिषद मेरी धार्मिक संस्थाएं हैं। दोनों संस्थाओं की ओर से श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में पक्षकार बनने को अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। ये मेरी संस्थाओं का मामला है। इसमें कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है।

महेश पाठक,राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा) एवं मुख्य संरक्षक (श्री माथुर चतुर्वेद परिषद)


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