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    Giriraj Maharaj: गर्मी की तपिश में प्रभु को लू न लग जाए...शीतल सामग्री चख कलियों की सुगंध से मुस्करा उठे पर्वतराज

    Updated: Sun, 02 Jun 2024 09:02 AM (IST)

    ब्रज में श्रीकृष्ण और गिरिराज जी की सेवा बाल स्वरूप में होती है। इन दिनों मथुरा में भीषण गर्मी पड़ रही है। बढ़ती गर्मी के प्रकोप को देखते हुए प्रभु के व्यंजनों में ठंडी तासीर का भोग लगाया है। आराध्य को भाेग में आम दूध रबड़ी के साथ-साथ दही की लस्सी मुरब्बा रसगुल्ला चंद्रकला मोदक साग चक्राम आदि अर्पित किए गए।

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    Mathura News: शीतल सामिग्री चख कलियों की सुगंध से मुस्करा उठे पर्वतराज

    संवाद सूत्र, गोवर्धन। गर्मी की तपिश में प्रभु को लू न लग जाए, कुछ इसी भाव के साथ भक्तों ने प्रभु का कलियों से शृंगार कर, शीतल सामग्री गिरिराजजी को समर्पित की।

    पर्वतराज गोवर्धन का स्पर्श हुआ तो हर कली पुष्प बन महक उठी और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों से उठी सुगंध से प्रभु के अधर खुलने को मचल उठे। दानघाटी मंदिर पर आयोजित फूल बंगला और छप्पन भोग का नजारा भक्त अपलक निहारते रहे।

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    छप्पन भोग लगाया गया

    तलहटी के प्रमुख दानघाटी मंदिर में गिरिराज प्रभु को फूल बंगला में विराजमान कर छप्पन भोग लगाया गया। भोर की बेला में सेवायत रामेश्वर पुरोहित ने मंगलाभिषेक के बाद दुग्धाभिषेक किया गया। इसके बाद प्रभु को शहद, गंगाजल, चंदन आदि से मिश्रित लेप लगाया गया।

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    गिरिराज प्रभु का स्वर्ण एवं रजत जड़ित पोशाकों के बीच शृंगार किया गया। प्रभु को छबरियों में सजाकर छप्पन भोग लगाये गए। सेवायत रामेश्वर पुरोहित ने बताया कि आराध्य गिरिराज प्रभु सृष्टि के रक्षक हैं। ब्रज में श्रीकृष्ण और गिरिराज जी की सेवा बाल स्वरूप में होती है।

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    बढ़ती गर्मी के प्रकोप को देखते हुए प्रभु के व्यंजनों में ठंडी तासीर का भोग लगाया है। इसमें गिरिराज प्रभु का आम दूध, रबड़ी के साथ-साथ दही की लस्सी, मुरब्बा, रसगुल्ला, चंद्रकला, मोदक, साग, चक्राम आदि का भोग लगाया गया है। इस अवसर पर दीपू पुरोहित, बांके, महेश आदि थे।