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    संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा के रास्ते में बिजली केबल में लगी आग, श्रद्धालुओं में मच गई खलबली; हादसा टला

    Saint Premanand Maharaj संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा निकलने के बाद वृंदावन में विद्युत केबल में आग लगने से श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई। इस घटना में गनीमत रही कि पदयात्रा घटना से पहले ही निकल गई थी। जन्मोत्सव से पहले लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या के बीच विद्युत विभाग की लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

    By Vipin Parashar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 25 Mar 2025 11:11 AM (IST)
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    संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा निकलने के बाद बिजली के केबल में लगी आग। श्रद्धालु द्वारा उपलब्ध कराया फोटो।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा में रात में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी। पदयात्रा आश्रम पहुंची ही थी कि अचानक रास्ते में परिक्रमा माेड़ पर विद्युत ट्रांसफॉर्मर के ऊपर बिजली के तारों से चिंगारी उठने के साथ आग लग गई। जिसे देख मौजूद श्रद्धालुओं में खलबली मच गई।

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    संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा रात दो बजे श्रीकृष्ण शरणम से शुरू हुई और सुनरख मार्ग होते हुए परिक्रमा मार्ग रमणरेती पहुंची थी। रमणरेती क्षेत्र में जब संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा श्रीराधाकेलिकुंज तक पहुंची ही थी कि सुनरख मोड़ परिक्रमा मार्ग किनारे रखे ट्रांसफार्मर को जोड़ने वाली विद्युत पोल की केबिल में अचानक चिंगारी उठने लगी और आग लग गई। जिसे देखते ही पदयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में हड़कंप मच गया। लोग इधर-उधर भागने लगे। गनीमत रही कि पदयात्रा घटना से पहले ही निकल गई।

    वृंदावन के रमणरेती स्थित सुनरख मोड़ पर रखे ट्रांसफार्मर के ऊपर विद्युत पोल पर केबल में लगी आग। - फोटो: श्रद्धालु द्वारा।

    जन्मोत्सव से पहले लगातार हो रही श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि

    संत प्रेमानंद का जन्मोत्सव 25 से 30 मार्च तक मनाया जाएगा। ऐसे में रात्रिकालीन पदयात्रा में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में विद्युत विभाग की इस तरह की लापरवाही बडे़ हादसे का कारण भी बन सकती है।

    जन्मोत्सव पर उमड़ेगी भक्तों की भीड़

    संत प्रेमानंद के छह दिवसीय जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि को लेकर श्रीराधा केलिकुंज आश्रम ने देश के विभिन्न शहरों से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अलग अलग दिन तय किए हैं। इसी आधार पर शहरों के अनुसार ही श्रद्धालुओं को दर्शन संभव होंगे।

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    ये हैं तारीखें

    • 25 मार्च: वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, मथुरा, ब्रजक्षेत्र एवं अलीगढ़ के शिष्य दर्शन करेंगे।
    • 26 मार्च: उत्तरप्रदेश के शिष्य परिकर, समस्त ब्रज, आगरा, अलीगढ़ के श्रद्धालु।
    • 27 मार्च: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पंजाब का शिष्य परिकर।
    • 28 मार्च: हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, आसाम, आंध्रप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल, बिहार, गुजरात के शिष्य परिकर।
    • 29 मार्च: महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान के शिष्य परिकर।
    • 30 मार्च: रिवक्त परिकर को संत प्रेमांनद के दर्शन का लाभ मिलेगा।

    25 से 30 मार्च तक मनाया जाएगा जन्मोत्सव

    श्रीराधाकेलि कुंज में संत प्रेमानंद का जन्मोत्सव 25 से 30 मार्च तक मनाया जाएगा। छह दिवसीय जन्मोत्सव में संत प्रेमानंद के शिष्य परिकर के लोग आयोजित कर रहे हैं। जन्मोत्सव में अनेक कार्यक्रम होंगे। जहां श्रद्धालुओं को संत प्रेमानंद के दर्शन भी होंगे।