बच्ची से किया दुष्कर्म, फरह पुलिस की कारगुजारी; आरोपित को तमंचे में जेल भेजा
मथुरा के फरह में पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को गलत धारा में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीड़िता के पिता को गुमराह किया गया और आरोपी जमानत पर छूट गया। पिता की शिकायत पर एसएसपी ने जांच के आदेश दिए हैं। दारोगा पर पहले भी आरोप बदलने के आरोप लग चुके हैं।

फरह पुलिस स्टेशन। फोटो: जागरण
जितेंद्र गप्ता, मथुरा। फरह पुलिस का बड़ा कारनामा सामने आया है। पुलिस ने बालिका से दुष्कर्म के आरोपित को संबंधित धारा में कार्रवाई करने के बजाय तमंचा में गिरफ्तारी दिखाकर जेल भेज दिया।
पीड़िता के पिता ने मुकदमे की कापी मांगी तो कई दिन तक उन्हें गुमराह किया गया। आरोपित के छूटने पर पिता को पुलिस के कारनामा की जेल से जानकारी हुई। पिता ने मामले की शिकायत एसएसपी से शिकायत की, जिस पर सीओ साइबर काे जांच सौंपी गई है।
फरह थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने सात अक्टूबर को थाने में प्रार्थना-पत्र दिया था। इसमें आरोप लगाया कि 22 सितंबर को उनकी आठ वर्षीय बेटी सहेलियों के साथ घर के सामने खेल रही थी।
इसी दौरान आरोपित कान्हा उर्फ योगेश ने सहेलियों को सामान लाने भेज दिया और बेटी को घर के अंदर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। कुछ दिन बाद बेटी ने स्वजन को घटना की जानकारी दी, जिस पर गांव में पंचायत हुई।
राजीनामा करने के लिए पीड़िता के पिता पर दबाव डाला गया। पिता ने थाने में प्रार्थना-पत्र दिया। लेकिन, मुकदमा दर्ज नहीं किया। आठ दिन तक थाने के चक्कर लगाने के बाद 13 अक्टूबर को दारोगा अनिरुद्ध कुमार ने उसे चौकी बुलाया और प्रार्थना-पत्र देने को कहा।
इसके बाद पुलिस ने 14 अक्टूबर को आरोपित को तमंचे में पकड़कर जेल भेज दिया। आरोपित के पकड़े जाने के बाद पीड़ित ने थाने में मुकदमे की कापी मांगी। आरोप है कि दारोगा 12 दिन तक उन्हें गुमराह करता रहा। आरोपित भी जमानत पर छूटकर बाहर आ गया।
संदेह होने पर पिता ने मामले की जानकारी जुटाई। पता चला कि आरोपित कान्हा 14 अक्टूबर को तमंचे में जेल आया था। 27 अक्टूबर को रिहा होकर चला गया। पीड़ित पिता का आरोप है कि उसने थाने आकर दारोगा से बात की तो उसने फटकार कर भगा दिया।
बेटी को न्याय न मिलता देख पीड़ित पिता ने सोमवार को एसएसपी श्लोक कुमार से मुलाकात की और प्रार्थना-पत्र देकर दारोगा की शिकायत की। एसएसपी ने पूरे मामले की जांच शुरू कराई है।
एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया, पीड़िता के पिता हमसे आकर मिले थे। इस प्रकरण की जांच सीओ साइबर गुंजन सिंह को सौंपी है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व में भी दारोगा पर लग चुके आरोपित बदलने के आरोप
दारोगा पर पूर्व में भी आरोपित बदलने के आरोप लग चुके हैं। गांव बेरी में ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा कराने के प्रकरण में यूपी डायल 112 पुलिस ने सोनू और दामोदर को पकड़ कर फरह थाने में छोड़ा था।
जहां दारोगा ने साठगांठ करके रात में दामोदर को छोड़ दिया था। दूसरे दिन सुबह उसके बेटे विष्णु को बुलाकर उसके और सोनू के खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई की थी। मामला एसडीएम तक पहुंचा तो उन्होंने दोनों को जेल भेजकर तहसीलदार से प्रकरण की जांच शुरू कराई थी।

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