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    Cardiac Arrest: सांस या दिल रुक जाए तो CPR से बचाई जा सकती है जान, क्‍या है सही तरीका... एक्सपर्ट्स से जानें

    Updated: Mon, 27 Jan 2025 05:09 PM (IST)

    (CPR) सीपीआर एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के दिल या सांस रुकने पर किया जाता है। यह तकनीक किसी व्यक्ति की जान बचा सकती है। सीपीआर देने के लिए कुछ सरल नियमों का पालन करना होता है। डॉ. रोहताश मीणा ने कुछ इस तरह से छात्राओं को सीपीआर की जानकारी दी। छात्राओं ने कई सवाल भी किए जिन्हें स्वास्थ्य टीम ने उदाहरण के साथ ही उन्हें समझाया।

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    हार्ट अटैक आने सीपीआर है जान बचाने का आसान तरीका। (प्रतीकात्मक तस्वीर) जागरण।

    जागरण संवाददाता, मथुरा। किसी व्यक्ति के अचानक गिरने से उसकी सांस रुक जाए, कोई बेहोश है तो उसे होश में लाने की कोशिश करें, अगर सांस न ले पाए तब सीपीआर दें। समय पर सीपीआर देने से मरीज की जान बचने की कई गुणा संभावना बढ़ जाती है।

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    डॉ. रोहताश मीणा ने कुछ इस तरह से छात्राओं को सीपीआर की जानकारी दी। छात्राओं ने कई सवाल भी किए, जिन्हें स्वास्थ्य टीम ने उदाहरण के साथ ही उन्हें समझाया।

    युवाओं में बढ़ने लगा है हार्ट अटैक का खतरा

    कोराना काल के बाद से लोगों की इम्यूनिटी में काफी बदलाव आए हैं। हार्ट अटैक के साथ ही कार्डिएक अरेस्ट के मामले भी सामने आने लगे हैं। सबसे अधिक चिंता की बात है कि युवा वर्ग भी इससे प्रभावित हो रहा है। कम उम्र के युवाओं में हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के मामले सामने आने लगे हैं।

    अधिकांश लोगों को नहीं पता है कि ऐसी स्थिति में सीपीआर कैसे दें। किस तरह से मरीज को लिटाएं। हाथ को कैसे रखें और किस तरह से दबाएं। ऐसी तमाम की समस्याएं सामने आती हैं। इसको लेकर दैनिक जागरण का विशेष संपादकीय अभियान हृदय की बात शुरू किया गया है।

    इसे भी पढ़ें- Cardiac Arrest: किन लोगों को पड़ती है सीपीआर की जरूरत, आप इस तरह बचा सकते हैं दूसरों की जान

    डॉ. रोहताश मीणा ने छात्राओं को सीपीआर की जानकारी दी।

    सांस न ले पाएं, तब ही सीपीआर दें- डॉक्टर

    सोमवार को टीम ने डॉ. रोहिताश मीणा, डॉ. सुरेश परमार और डॉ. संजीव मिश्रा के नेतृत्व में मसानी मोड़ स्थित दक्ष एज्यूकेशन इंस्टीट्यूट में छात्राओं को सीपीआर की जानकारी दी। डॉ. रोहिताश मीणा ने बताया कि किसी व्यक्ति के अचानक गिरने पर उसकी सांस रुक जाए, कोई बेहोश है तो होश में लाने की कोशिश करें, अगर सांस न ले पाए, तब सीपीआर दें।

    इसके अलावा एक दम से सांस रुक जाने की स्थिति या न ले पाने की स्थित में करंट लगने पर व्यक्ति चिपक गया है तो पहले लकड़ी से करंट वाले तार या चीज को हटाए। फिर उसे सीपीआर दें। किसी का दम घुट रहा हो या पानी में डूब गया हो तो उसे बाहर निकालने के तुरंत बाद सीपीआर दें।

    सीपीआर देते समय इन बातों का रखें ध्यान

    • एक मिनट में हार्ट को कम से कम 60 से 80 बार पंप करना है। 15 से 20 बार मुंह से सांस देनी है।ॉ
    • व्यक्ति की मिनिमम हार्ट बीट 60 होनी चाहिए और हम हर मिनट में 12 से 18 बार सांस लेते हैं तो इसी हिसाब से कंप्रेशन भी देना चाहिए।
    • कंप्रेशन और माउथ-टू-माउथ वेंटिलेशन दोनों जरूरी है। कंप्रेशन के जरिए शरीर में खून तो पहुंचा रहे हैं, लेकिन उस खून में आक्सीजन नहीं है तो उसका कोई मतलब नहीं है। इसलिए आक्सीजन देना जरूरी है।
    • सीपीआर देते हुए बिलकुल भी गैप नहीं होना चाहिए।

    इनका यह है कहना

    शिक्षिका छवि अग्रवाल का कहना है कि दैनिक जागरण की यह अच्छी पहल है। कार्यक्रम के माध्यम से मुझे भी काफी जानकारी हुई है। इस तरह से हम कहीं पर भी किसी की मदद कर सकते हैं। इस तरह की सामान्य जानकारी सभी को दी जानी चाहिए।

    शिक्षिका सुमन सिंह ने कहा कि मुझे खुशी है कि सीपीआर के बारे में अच्छे से जानकारी ले पाई हूं। इससे घर या आसपास मैं किसी भी मदद कर सकती हूं। जागरण शुरू से ही सरोकार कार्यों में आगे रहा है। अभियान से लोगों को सीपीआर की जानकारी मिल सकेगी।

    स्टूडेंट्स तनु और लुबना ने बताया कि अभी तक सुना था या फिर फिल्मों में देखा था, लेकिन अब सीपीआर को अच्छे से समझने का मौका मिला है। डॉक्टरों की टीम ने उदाहरण के साथ कई बारीकियों की जानकारी दी है। यह हमारे लिए लाभदायक है। सीआरपी के बारे में सभी लोगों को जानकारी होनी चाहिए। इससे हम कभी भी किसी की जान बचा सकते हैं।

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