Year Ender 2025: प्लान दर प्लान, मथुरा में जलभराव का स्थायी समाधान नहीं; योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित
मथुरा में पिछले पांच वर्षों से जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। दो घंटे की बारिश में भूतेश्वर और नए बस स्टैंड रेलवे अंडरपास के नीचे ...और पढ़ें

कान्हा की नगरी में जलभराव की समस्या का स्थाई समाधान नहीं।
जागरण संवाददाता, मथुरा। कान्हा की नगरी में भले ही श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही हों, मगर शहर में जलभराव का दाग अब तक न मिट सका। वर्षा के मौसम में दो घंटे की वर्षा में शहर पानी-पानी हो जाता है। भूतेश्वर तिराहा व नए बस स्टैंड रेलवे अंडरपास के नीचे छह फीट तक पानी भरने की समस्या से लोग इस बार भी परेशान रहे।
पूरा शहर चार हिस्सों में बंटा, आवागमन पूरी तरह बाधित रहा। लेकिन, नगर निगम सिर्फ योजना बनाने में ही सिमटा रहा। इस वर्ष भी कोई ऐसा काम धरातल पर न हो सका, जिससे लोगों को इस समस्या से निजात मिल सके।
मामूली वर्षा में शहर में जलभराव से आठ घंटे तक बाधित रहता आवागमन
शहर में जलभराव बड़ी समस्या है। वर्षा के मौसम में मामूली वर्षा से शहर में भूतेश्वर तिराहा व नया बस स्टैंड स्थित रेलवे अंडरपास के नीचे होने वाले जलभराव की समस्या ब्रजवासियों को दर्द देती रही। ये समस्या कई वर्ष पुरानी है। वर्ष 2025 में वर्षा होने पर दोनों रेलवे अंडरपास के नीचे छह फीट तक पानी भरा।
आठ घंटे तक पानी भरने के कारण आवागमन पूरी तरह बाधित रहा। नगर निगम की पूरी टीम निकासी में जुटी रही, मगर घंटों बाद निकासी होने के बाद ही राहत मिल सकी। जलभराव भी ऐसा कि आवागमन पूरी तरह बाधित रहा। पूरा शहर चार हिस्सों में बंटा रहा।
ब्रजवासी ही नहीं श्रद्धालुओं को भी होती परेशानी, कागजों तक सीमित रहे अफसर
डीग गेट, कृष्णा नगर, महोली रोड, एसबीआइ तिराहा से आने वाला यातायात पूरी तरह थम गया था। बीच में फंसे वाहन सड़क पर ही फंसे रहे। जो निकले, वे इंजन में पानी भरने से खराब हो गए थे। सिर्फ पैदल ही एकमात्र आवागमन का सहारा बचा था। ये हाल सिर्फ इस वर्ष का नहीं, हर साल ऐसे हालात बने रहे। न ब्रजवासी बल्कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु भी खासे परेशान रहे। जून से लेकर अगस्त तक हुई वर्षा के दौरान पूरा शहर जलभराव के दर्द से कराह उठा था।
जलभराव पर लगता लंबा जाम
जलभराव होने के बाद शहर में लंबा जाम लगता रहा है। डीग गेट से भरतपुर गेट मार्ग, भैंस बहोरा मार्ग, केआर कालेज मार्ग, धौली प्याऊ मार्ग, हाईवे पर जाम लगता है। जलभराव के कारण लोगों को दस मिनट की दूरी तय करने के लिए कई किमी अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है।
अब तक ये बने प्लान
नगर निगम ने सबसे पहले भूतेश्वर तिराहा, नया बस स्टैंड पर जलनिकासी के लिए सात-सात करोड़ रुपये की लागत से तीन भूमिगत नालों का प्रस्ताव बनाया। लेकिन, बाद में ये रद हो गया। वर्ष 2024 के अंत में जल निगम सी एंड डीएस द्वारा 108 करोड़ रुपये से दो भूमिगत वर्षा नाले का प्रस्ताव बनाया। इसमें मोतीकुंज से मछली फाटक तक और भूतेश्वर से टैंक चौराहा होते हुए मछली फाटक दो बड़े भूमिगत नाले बनाए जाएंगे। महीनों शासन में पड़ा रहा।
पूरे शहर की खोदाई किए जाने और इस काम में समय लगने के कारण ये भी फाइलों से बाहर नहीं निकल सका। वर्ष 2025 में महापौर विनोद अग्रवाल ने छह करोड़ रुपये से 15वें वित्त से भूतेश्वर तिराहे से मसानी नाले तक भूमिगत नाला बनाने के कार्य को मंजूरी दी है। इससे 27 इंच का पाइप डाला जाएगा। अभी ये काम शुरू नहीं हो सका है।

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