Chaurasi Kosi Parikrama सांसद हेमा मालिनी ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा के विकास कार्यों में हो रही देरी से नाराज़ हैं। उन्होंने कुछ जनप्रतिनिधियों पर केंद्र सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह परिक्रमा मार्ग का विकास कराकर ही रहेंगी। परिक्रमा मार्ग बनने से दो सौ से अधिक गांवों को फायदा होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
जागरण संवाददाता, मथुरा। सांसद हेमा मालिनी ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा (Chaurasi Kosi Parikrama) के विकास कार्य न होन से बेहद व्यथित हैं। डीपीआर बनाने के बाद इसमें अड़ंगा लग गया। साफ कहती हैं मथुरा और अलीगढ़ के कुछ जनप्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार को गुमराह किया।
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मैं ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा का विकास कराऊंगी। जब तक यहां विकास नहीं होता, तब तक मथुरा से नहीं जाने वाली। अब फिर वह परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण को केंद्र सरकार में प्रयास कर रही है।
कान्हा की नगरी में ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा (Chaurasi Kosi Parikrama) का बड़ा महत्व है। पूरे वर्ष दूर-दूर से आए लाखों श्रद्धालु यहां परिक्रमा लगाते हैं। इसका कुछ हिस्सा राजस्थान, हरियाणा और अलीगढ़ में भी आता है। वर्ष 2022 में सांसद की पहल पर केंद्र सरकार ने ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग के लिए काम शुरू किया।
इसे कहीं फोरलेन और कहीं सिक्सलेन बनाना है। करीब 37 पड़ाव स्थल भी विकसित होने हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इसके लिए करीब पांच हजार करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की। इसी बीच विवाद शुरू हो गया।
कुछ लोग परिक्रमा मार्ग सीमा को लेकर विवाद करने लगे। कोई अपने गांव से परिक्रमा निकालना चाह रहा था, तो कोई कहीं से। कई गांव में इसके लिए धरना-प्रदर्शन होने लगे। मथुरा जिले और अलीगढ़ के कुछ जनप्रतिनिधियों ने दिल्ली तक अंदरखाने विरोध दर्ज कराया। इसके चलते परियोजना लटक गई।
सांसद ने हेमा मालिनी ने साफ कहा कि कुछ जनप्रतिनिधियों ने ब्रज चौरासी कोस का विकास नहीं होने दिए। लेकिन मैं भी जब तक परिक्रमा मार्ग का विकास नहीं कराऊंगी, यहां से जाने वाली नहीं हूं।
दो सौ से अधिक गांव हाईवे से जुड़ेंगे
सांसद कहती हैं कि ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा (Chaurasi Kosi Parikrama) मार्ग नेशनल हाईवे बन जाएगा तो इसके कई सकारात्मक परिणाम भी दिखेंगे। पूरे परिक्रमा मार्ग में दो सौ से अधिक गांव सीधे हाईवे से जुड़़ेंगे। उनके लिंक मार्ग भी पक्के होंगे। ऐसे में गांवों में रोजगार के अवसर बनेंगे।
गांवों में व्यावसायिक गतिविधियों बनेंगी। 37 स्थानों पर बनने हैं पड़ाव स्थल परिक्रमा मार्ग में 37 पड़ाव स्थल हैं। परिक्रमा लगाने वाले श्रद्धालु इन पड़ाव स्थलों पर विश्राम करते हैं। ऐसे में इन पड़ाव स्थलों का भी विकास होना है। पड़ाव स्थलों के आसपास भी व्यावसायिक गतिविधियां शुरू होंगी।
कच्चा मार्ग भी होगा विकसित
परिक्रमा मार्ग के फोरलेन और सिक्सलेन होने के साथ ही पैदल श्रद्धालुओं के लिए भी अलग से कच्चा पाथवे बनेगा। इसके लिए सड़क के दोनों ओर मार्ग छोड़ने का प्रविधान किया गया था।
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