मथुरा बीएसए कॉलेज में फिर हुआ ऑडिट पर विवाद, करोड़ों रुपये के हेरफेर का आरोप
बीएसए कॉलेज में करोड़ों के हेरफेर के आरोप हैं। प्राचार्य ने 30 वर्षों के ऑडिट का अनुरोध किया जिसके बाद ऑडिट टीम बनी लेकिन ऑडिट नहीं हो सका। नरेन्द्र मोदी विकास मिशन ने उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर ऑडिट कराने का आग्रह किया है ऐसा न होने पर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने की चेतावनी दी है। पूर्व में हुए ऑडिट में भी अनियमितताएं पाई गई थीं।

जागरण संवाददाता, मथुरा। बाबू शिवनाथ अग्रवाल डिग्री कॉलेज (बीएसए कॉलेज) का विवाद थम नहीं रहा है। करोड़ों रुपये की धनराशि के हेरफेर के आरोपों से घिरे कालेज में अब विशेष ऑडिट को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है।
कॉलेज के प्राचार्य ने तीस वर्षों का विशेष ऑडिट करने को पत्र लिखा तो शासन के निर्देश पर ऑडिट करने के आदेश भी जारी हुए। बकायदा इसके लिए टीम बनी। सितंबर में आडिट होना था, लेकिन फिर प्रबंधन तंत्र ने अपनी बात रखने के लिए दो माह का समय ले लिया।
मौखिक रूप से ऑडिट टाल दिया गया। अब पूर्व में कालेज में अनियमितता को लेकर आवाज उठा चुके नरेन्द्र मोदी विकास मिशन ने फिर उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिख ऑडिट कराने को कहा है। न कराने पर मिशन उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेगा।
पूर्व में शिक्षा निदेशक ने 30 वर्षों का ऑडिट करने का दिया था निर्देश, टीम बनी
दरअसल, बीएसए कॉलेज में पूर्व में भी हेरफेर के आरोप लगते रहे हैं। 2011-2012 से 2022-23 कार्यकाल का ऑडिट किया गया। इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता प्रकाश में आईं। ऑडिट रिपोर्ट में कई सौ करोड़ रुपये की अनियमितता के आरोप लगे। पूर्व में ऑडिट में पाया गया था कि संस्था के पास सदान निधि में 32 एकड़ भू-संपत्ति व 26 दुकानें थीं। लेकिन इसके संबंध में पत्रावली मांगने के बाद भी नहीं उपलब्ध कराई गई। भूमि से हुई आय के दुरुपयोग की आशंका जताई गई।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ललित शर्मा ने शासन को पत्र लिखकर 1994-95 से 2024-25 तक का विशेष ऑडिट कराने की मांग की। 23 अगस्त को उच्च शिक्षा निदेशक ने टीम बनाई और आठ से 10 सितंबर के बीच ऑडिट करने के साथ ही 30 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी। बीएसए डिग्री कॉलेज प्रबंध समिति के मंत्री धीरेंद्र कुमार अग्रवाल ने उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर कहा कि यदि कोई जांच कराई जा रही है, तो उससे प्रबंध तंत्र को अवगत कराया जाए। जांच में दो माह का समय मांगा,ताकि प्रबंध तंत्र अपनी बात कह सके। फिलहाल ऑडिट नहीं हुआ।
लेकिन बाद में नहीं हुआ ऑडिट, करोड़ों का हेरफेर करने का आरोप
अब नरेन्द्र मोदी विकास मिशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजाराम ने फिर से शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा है। कहा है कि धीरेंद्र अग्रवाल द्वारा खुद को कॉलेज प्रबंध समिति का सचिव बताकर पत्र लिखा गया है, लेकिन वर्तमान में कुलपति द्वारा अनुमोदित कोई भी प्रबंध तंत्र महाविद्यालय में क्रियाशील नहीं है। ऐसा आडिट की कार्रवाई से बचने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने जल्द ऑडिट की कार्रवाई पूरी करने के साथ ही रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग की है।
यह भी कहा है कि ऐसा न होने पर वह उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करेंगे। उधर, सचिव धीरेंद्र अग्रवाल ने फोन पर बताया कि मैं अभी बाहर हूं और व्यस्त हूं। इस सिलसिले में बाद में बात करूंगा।
बीएसए कॉलेज में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई हैं, पूर्व में भी मैं इसे लेकर आवाज उठा चुका हूं। अब यदि जल्द आडिट शुरू नहीं होता है तो उच्च न्यायालय जाऊंगा। राजाराम, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, नरेन्द्र मोदी विकास मिशन।
मेरे द्वारा 30 अक्टूबर 2021 को कार्यभार ग्रहण किया गया। 2011-12 से 2022-2023 के कार्यकाल के आडिट में कुछ अनियमितताएं मिलीं। संज्ञान में आया है कि तथाकथित प्रबंध तंत्रों के चंद व्यक्तियों द्वारा महाविद्यालय की भूमि व छात्रों से प्राप्त फीस का गलत आहरण-वितरण किया गया। शिकायत पर शासन ने विशेष ऑडिट का आदेश दिया। जिन्होंने महाविद्यालय को निजी संपत्ति मान दोहन किया, वह इसे रुकवाना चाहते हैं। इस मामले में लखनऊ में एसटीएफ जांच भी चल रही है।
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