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    मोक्षदा एकादशी पर बांकेबिहारी मंदिर में उमड़ी भीड़, तीन की तबीयत बिगड़ी; धक्का-मुक्की में बिलबिलाए बच्चे

    बांके बिहारी मंदिर में मोक्षदा एकादशी के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर के बाहर और अंदर भक्तों की भीड़ इतनी थी कि पैर रखने की भी जगह नहीं बची। भीड़ में फंसकर तीन श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई। पुलिस ने मंदिर के बाहर बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं को रोका लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण स्थिति बिगड़ गई।

    By Vipin Parashar Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 12 Dec 2024 08:16 AM (IST)
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    मथुरा- वृंदावन में मोक्षदा एकादशी पर श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लगाई पंचकोसीय परिक्रमा। - फोटो: जागरण।

    संवाद सहयोगी, वृंदावन। मोक्षदा एकादशी पर बुधवार को ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में उमड़ी भीड़ से हालात बिगड़ गए। मंदिर के बाहर और अंदर भीड़ इतनी रही कि पैर रखने की भी जगह नहीं बची। भीड़ में फंसकर तीन श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई। किसी तरह उन्हें बाहर निकालकर राहत दी गई। बच्चे भी भीड़ में फंसे तो स्वजन कंधे पर बैठाकर दर्शन कराने ले गए। सुबह मंदिर के पट खुलने से पहले बिगड़ी स्थिति रात में पट बंद होने तक रही।

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    मोक्षदा एकादशी के कारण सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। पौने नौ बजे मंदिर के पट खुले, लेकिन उससे पहले ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर के आसपास पहुंच गए। जैसे ही पट खुले श्रद्धालु मंदिर की ओर भागे, ऐसे में स्थिति बिगड़ गई। पुलिस ने मंदिर के बाहर गली में बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं को रोका, भीड़ अधिक होने के कारण स्थिति बिगड़ गई।

    11 बजे के आसपास बिगड़े हालात

    मंदिर के अंदर जो श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे, वह काफी देर तक बाहर नहीं निकले, ऐसे में मंदिर के अंदर हालात बिगड़ते रहे। बाहर बैरियर पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक हो गई। सुबह करीब 11 बजे पुलिस ने बैरियर लगाया तो भीड़ एकदम से मंदिर की ओर भागी। पहले से मंदिर के अंदर भीड़ अधिक थी, बाहर और श्रद्धालु पहुंचने के कारण पैर रखने की भी जगह नहीं बची।

    मंदिर के अंदर भीड़ अधिक होने से लखनऊ के आलमबाग निवासी 60 वर्षीय रूपसरन की तबीयत बिगड़ गई। वह पत्नी सुमेधा के साथ दर्शन को आए थे। किसी तरह पत्नी ने अन्य श्रद्धालुओं की मदद से उन्हें भीड़ से बाहर निकाला, तब उन्हें राहत मिली।

    इसी तरह हरदोई के बाबा थोक मुहल्ला निवासी सुमित्रा देवी और भरतपुर निवासी वीरभान सिंह को भी भीड़ में फंसकर सांस लेने में दिक्कत आने लगी। भीड़ अधिक होने के कारण उन्हें चक्कर आने लगा। किसी तरह उन्हें बाहर निकाला गया। दोपहर में एक बजे मंदिर के पट बंद होने के कारण यही स्थिति रही। शाम को साढ़े चार बजे फिर मंदिर के पट खुले तो हालात फिर बिगड़ गए. रात तक यही स्थिति बनी रही।

    दर्शन कर श्रद्धालुओं ने लगाई पंचकोसीय परिक्रमा

    मोक्षदा एकादशी पर देश दुनिया के श्रद्धालुओं ने ठाकुर बांकेबिहारीजी केे दर्शन कर यमुना पूजन किया और पंचकोसीय परिक्रमा शुरू कर दी। पूरे परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालुओं की भीड़ कदम बढ़ाते ही नजर आई। जबकि अटल्ला चुंगी और इस्कान कट पर परिक्रमार्थियों की भीड़ के कारण पूरे दिन वाहनों के जाम लगता रहा। पुलिसकर्मियों ने दोनों ही जगहों पर परिक्रमार्थियों को रोक रोककर आगे बढ़ाया। बीच में वाहनों का आवागमन कर वाहनों के जाम को भी नियंत्रित किया।

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