IIT Roorkee की टीम ने किया ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का सर्वे, रिपोर्ट तय करेगी रेलिंग लगे या नहीं
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए रेलिंग लगाने की योजना है। आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों ने मंदिर के स्ट्रक्चर का सर्वे किया है। मंदिर समिति कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था लागू करने की योजना बना रही है, जिसके लिए आईआईटी रुड़की की टीम रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट के आधार पर रेलिंग लगाने का काम शुरू होगा, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन में सुविधा होगी।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर।
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन (मथुरा)। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रण व श्रद्धालुओं को राहत भरे दर्शन कराने के उद्देश्य से मंदिर उच्चाधिकार प्रबंधन समिति ने मंदिर प्रांगण व चबूतरे पर रेलिंग लगवाने की योजना बनाई है।
ताकि श्रद्धालुओं को कतारबद्ध दर्शन कराए जा सकें। मंदिर की इमारत प्राचीन होने के कारण इसके स्ट्रक्चर सर्वे के लिए समिति ने आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों को रिपोर्ट देने के लिए बुलाया।
गुरुवार को आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर ने सामान्य रूप से इमारत, फर्श आदि की स्थलीय निरीक्षण कर रेलिंग लगाए जाने वाले प्वाइंटों को देखा और दीवारों, छत, फर्श व चबूतरे का भी गहन निरीक्षण किया।
अब प्रोफेसर आडिट रिपोर्ट तैयार कर आईआईटी रुड़की में अपनी टीम के साथ बैठक करेंगे। एक बड़ी टीम गठित कर मंदिर के स्ट्रक्चर का पूरी तरह सर्वे करवाकर रेलिंग के प्वाइंटों का चयन करेंगे। ताकि देश दुनिया से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को राहत भरे दर्शन मंदिर में संभव हो सकें।
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर उच्चाधिकारी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने समिति की पहली बैठक में ही मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए ठोस पहल करते हुए श्रद्धालुओं को कतारबद्ध तरीके से दर्शन व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई।
बैठक में समिति सदस्यों की सहमति के बाद रेलिंग लगाने से पहले मंदिर की इमारत, फर्श, चबूतरे का स्ट्रक्चर आडिट आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों से करवाई जाए। इसके लिए इंजीनियरों को बुलावा भेजा।
समिति के आमंत्रण पर गुरुवार को आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर संजय मंदिर पहुंचे। समिति सदस्य दिनेश गोस्वामी, मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा, उमेश सारस्वत ने उन्हें मंदिर का भ्रमण कराया और जिन रास्तों में रेलिंग लगाई जानी है, इसके बारे में जानकारी भी दी।
इसके बाद प्रो. संजय ने मंदिर की इमारत और पिछले दिनों फर्श पर हुए गड्ढों का जानकारी मंदिर प्रबंधक से ली। मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया मंदिर प्रांगण का फर्श तीन वर्ष पहले कोविडकाल में बनवाया गया है।
चूंकि करीब बारह वर्ष पहले जब रेलिंग लगाई गई थीं और हटा ली गईं। इसके बाद से मंदिर के गड्ढों में पानी भरने से टाइलों के नीचे गड्ढे हो गए थे। प्रबंधक से मिली जानकारी के आधार पर प्रो. संजय ने मंदिर का स्थलीय निरीक्षण किया।
अब प्रो. संजय अपनी रिपोर्ट तैयार कर गहन सर्वे के लिए इंजीनियरों की टीम लेकर आएंगे। तब जाकर पुख्ता रूप से सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मंदिर में रेलिंग लगवाने के काम की शुरुआत हो सकेगी।
जिलाधिकारी व समिति सचिव सीपी सिंह ने बताया, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर उच्चाधिकार प्रबंधन समिति ने प्रतिदिन मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को राहत भरे दर्शन व भीड़ नियंत्रण के उद्देश्य से रेलिंग लगवाने की योजना बनाई थी।
समिति अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक कुमार की अपील पर आईआईटी रुड़की के प्रो. संजय ने मंदिर पहुंचकर स्ट्रक्चरल आडिट कर रहे हैं। प्रो. संजय मंदिर की इमारत की सुरक्षा व श्रद्धालुओं के दर्शन व्यवस्था में सुधार की रिपोर्ट तैयार करेंगे।

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