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    बांकेबिहारी मंदिर में लागू होगी नई व्यवस्था, एक बार में 200 श्रद्धालु ही पहुंच पाएंगे गर्भगृह तक

    By Prateek GuptaEdited By: Prateek Gupta
    Updated: Thu, 25 Dec 2025 02:01 PM (IST)

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रेलिंग लगाने का काम शुरू हो गया है। मंदिर की उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति ने चबूतरे से रेलिंग लगाने का फैसला किया है। ...और पढ़ें

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    बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन को उमड़ी भीड़।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन (मथुरा)। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रेलिंग लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंदिर की उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति ने मंदिर चबूतरे से ही रेलिंग की व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है। गर्भगृह के सामने से होतेे हुए निकासद्वार तक रेलिंग होगी। श्रद्धालु रेलिंग में होकर ही आराध्य के दर्शन कर बाहर निकल सकेंगे और मंदिर प्रांगण में ठहराव व अव्यवस्था नहीं होगी।

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    एक रेलिंग के अंदर तीन लाइन में एक बार में करीब दो सौ श्रद्धालु प्रवेश से निकास द्वार तक रहेंगे। इन्हें दर्शन में तीन से चार मिनट का समय लगेगा। रेलिंग बनाने की जिम्मेदारी मेरठ की कनिका कंस्ट्रक्शन को दी गई है। समिति का दावा है कि नए वर्ष पर श्रद्धालु रेलिंग से होकर गुजरेंगे।

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रण में परेशानी आ रही है, सबसे बड़ी दिक्कत मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का ठहराव होने से है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति ने कतारबद्ध होकर दर्शन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया। मंदिर के अंदर रेलिंग लगाई जाएंगी।

    समिति द्वारा तैयार कराई गई डिजाइन के अनुसार गेट संख्या तीन व दो से श्रद्धालुओं को एक रेलिंग में तीन कतारों में मंदिर प्रांगण में चबूतरे से ही प्रवेश करना होगा। गेट संख्या तीन से रेलिंग के अंदर तीन कतारों में एक कतार महिलाओं की होगी।

    दो कतारों में होकर पुरुष श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में पहुंचकर गर्भगृह के सामने दर्शन करने के बाद निकास द्वार संख्या चार से बाहर निकलेंगे। गेट संख्या दो के बाहर चबूतरे से शुरू होने वाली रेलिंग में भी तीन कतारें होंगी। इनमें एक कतार में महिला, एक में पुरुष चलेंगे। तीसरी कतार वीआइपी श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित रहेगी।

    यह गेट संख्या दो में प्रवेश करवाने के साथ ठाकुरजी के दर्शन करवाकर जगमोहन के सामने से गोलाई में घूमकर गेट संख्या एक से निकास द्वार पर श्रद्धालुओं को बाहर निकाला जाएगा। गेट संख्या पांच से दिव्यांग, बुजुर्ग श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश मिलेगा।

    यह श्रद्धालु गेट संख्या पांच से प्रवेश कर गेट संख्या तीन से आ रही रेलिंग के सहारे बनाई जाने वाली रेलिंग से गुजरते हुए गर्भगृह के सामने होकर आराध्य के दर्शन कर गेट संख्या चार से बाहर निकलेंगे।

     

    मेरठ की फर्म तैयार कर रही रेलिंग

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में लगने वाली रेलिंग तैयार करने की जिम्मेदारी मेरठ की फर्म कनिका कंस्ट्रक्शन को दी गई है। रेलिंग की डिजाइन विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों ने तैयार की है।

    इसी के आधार पर दस गेज मोटी चादर से विशेष प्रकार की रेलिंग कंपनी द्वारा तैयार कराई जा रही है। इस रेलिंग की विशेषता होगी कि जरूरत पर एक या दो दिन के लिए मंदिर के अंदर से रेलिंग हटानी भी पड़े, तो फोल्ड करके हटाया जा सकता है। इसके बाद फिर लगाया जा सकता है।

    नए वर्ष में श्रद्धालु रेलिंग के अंदर से ही प्रवेश करेंगे। रेलिंग में होकर कतारबद्ध तरीके से श्रद्धालु आराध्य के दर्शन भी बड़े आराम के साथ कर सकेंगे और भीड़ के दबाव से भी छुटकारा मिलेगा। मंदिर प्रांगण में ठहराव खत्म होने से बाहर भीड़ का दबाव नहीं बनेगा।
    अशोक कुमार, अध्यक्ष: उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति।