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    Banke Bihari Mandir में इस तरह के कपड़े पहनकर ना आएं...प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से अपील कर बैनर लगाए

    Updated: Wed, 18 Dec 2024 11:57 AM (IST)

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में देश के कोने−कोने से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर प्रबंधन ने मंदिर की मर्यादा को बरकरार रखते हुए बैनर लगाए है कि ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में अमर्यादित वस्त्र पहनकर न आएं। बांकेबिहारी मंदिर की गली में ये बैनर लगाए गए हैं। इससे पहले भी मंदिर प्रबंधन ने महिलाओं और लड़कियों से मंदिर परिसर में शालीन कपड़े पहनने की अपील की थी।

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    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की गली में लगे अमर्यादित वस्त्र न पहनने के बैनर। जागरण।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। Banke Bihari Mandir: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन को आने वाले श्रद्धालु पारंपरिक भारतीय परिधान पहनकर ही आएंगे। मंदिर प्रबंधन ने दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं से ड्रेस कोड का पालन करने की अपील करते हुए रास्तों में बैनर लगाए हैं। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि मंदिर धार्मिक स्थल है न कि पर्यटन स्थल। इसमें श्रद्धालु जींस, टी शर्ट जैसे परिधान पहनकर न आएं।

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    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन ने मंदिर रास्ते में लगाए बैनर में देश -दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि श्रद्धालु मंदिर में दर्शन आते समय छोटे वस्त्र हॉफ पैंट , बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट शूट, कटी और फटी जींस, चमड़े की बेल्ट व अमर्यादित वस्त्र पहनकर न आएं। 

    प्रबंधन पहले करता रहा है अपील

    आराध्य के दर्शन पाने की सबसे अधिक लालसा बुजुर्गों की होती है। परिक्रमा यात्रा हो, भजन-कीर्तन और कथा श्रवण या फिर मंदिरों में दर्शन, इन सभी जगह बुजुर्गों की ही भीड़ नजर आती है। लेकिन ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने को बुजुर्ग, बीमार और बच्चे बड़े आयोजन वाली तारीखों पर अब न आएं। चूंकि भीड़ अधिक है और प्रबंधन के हाथ में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं, जिससे दर्शन करने की इच्छा पूरी करवा सके।

    साल के अंतिम दिनों उमड़ती है भारी भीड़

    मंदिर प्रबंधन बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों से साल के सबसे बड़े आयोजन वाले कार्यक्रमों में दर्शन करने न आने की अपील की गई है। पिछली साल अपील की गई थी कि वर्ष के अंतिम दिनों में 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। श्रद्धालु मंदिर प्रबंधन और प्रशासन द्वारा बनाई गई रूट व्यवस्था का पालन करें। भीड़ के दिनों में बुजुर्ग, दिव्यांग, बच्चे और बीमार व्यक्तियों को न लाएं।

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    भीड़ के आगे सारे इंतजाम होते हैं बेकार

    हाल ही में दर्शन करने पहुंची दो महिलाएं बेहोश कर गिर पड़ी थी। मंदिर में भीड़ के आगे सभी इंतजाम बौने साबित हो जाते हैं। मंदिर में इतनी भीड़ उमड़ती है कि बांकेबिहारी की कुंज गलियों में  पैर रखने की जगह नहीं मिलती है। स्थानीय नागरिकों को घरों में कैद होने को मजबूर होना पड़ता है। हर वीकेंड पर दिल्ली−एनसीआर, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा से हजारों की संख्या में भक्त वृंदावन पहुंचते हैं। जिसके कारण वृंदावन के मंदिरों में भीड़ एकत्रित हो जाती है। काफी बार पुलिसकर्मियों को भीड़ को काबू करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी हैं।

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