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    Year Ender 2025: मथुरा में गंगाजल परियोजना की आस अधूरी, कैबिनेट मंजूरी का इंतजार

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 02:30 PM (IST)

    मथुरा में गंगाजल की आपूर्ति एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जहां केवल 25 एमएलडी गंगाजल मिल रहा है, जबकि शहरी आबादी को 120 एमएलडी की आवश्यकता है। महापौर विन ...और पढ़ें

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    मथुरा : गोकुल बैराज पर गंगाजल एकत्र करने के लिए बना टैंक। सौजन्य से जलकल

    जागरण संवाददाता, मथुरा। गंगाजल की प्यास बढ़ रही है। मात्र 25 एमएलडी गंगाजल किसको दिया जाए, इसको लेकर नगर निगम व जलकल के अफसर तो परेशान हैं ही महापौर की परेशानी भी बढ़ी हुई है। सालभर हुए प्रयास अब तक धरातल पर नजर नहीं आ सके हैं। गंगाजल की फाइल शासन से बाहर नहीं निकल सकी है। कैबिनेट से गंगाजल की मंजूली मिलना बाकी है। महापौर खुद इस ओर प्रयासरत हैं, मगर अब तक निराशा ही हाथ लगी है।

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    कैबिनेट से गंगाजल की मिलनी है मंजूरी

    नगर निगम क्षेत्र की आबादी मौजूदा समय 12 लाख से अधिक है। शहरी जनता को करीब 120 एमएलडी पेयजल की जरूरत है, लेकिन जलकल गंगाजल मिलाकर 90 एमएलडी ही दे पा रहा है। इसमें मात्र 25 एमएलडी गंगाजल, शेष 65 एमएलडी नलकूपों से सीधे जलापूर्ति की जा रही है। स्थिति यह है कि नई आबादी के कई क्षेत्र में तो पीने का पानी तक जलकल उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। पहले जल निगम नगरीय ने शहरी प्यास बुझाने के लिए यमुना जल पर आधारित पेयजल परियोजना बनाई थी।

    परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट लगभग तैयार

    करीब 400 करोड़ रुपये की इस परियोजना को मंजूरी मिलती, उससे पूर्व महापौर विनोद अग्रवाल ने शहरी प्यास गंगाजल से बुझाने के लिए नई गंगाजल परियोजना पर काम कराया। जिला स्तर पर गंगाजल का प्रस्ताव पास हुआ। शासन को 250 एमएलडी गंगाजल उपलब्ध कराए जाने के लिए पत्र भेजा गया। सिंचाई विभाग ने इसे स्वीकृत कराने के लिए शासन में भेज दिया। पूरे साल गंगाजल की उपलब्धता के प्रयास होते रहे, मगर अब तक फाइल शासन में ही कैद है। कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिलना है। गंगाजल की स्वीकृति के बाद इस ओर काम कराया जाएगा। गोकुल बैराज पर 120 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। नई पाइपलाइन डाली जाएगी।


    ग्रामीण गंगाजल परियोजना भी न हो सकी पूरी, बढ़ाया समय

    जल जीवन मिशन के तहत 4000 करोड़ रुपये की ग्रामीण गंगाजल परियोजना पर काम चल रहा है। अब तक करीब 60 प्रतिशत काम पूर्ण हो सका है। मांट तहसील के गांव बेरा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम तेजी से चल रहा है। बुलंदशहर के पालड़ा झाल पर इंटेक टैंक का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। पेयजल टंकियां बनाई जा रही हैं। पाइपलाइन डालने का कार्य तेजी पर है। इस वर्ष भी ये परियोजना पूरी नहीं हो सकी। अब इस परियोजना को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया है।

    लीकेज ने बढ़ाई जलकल की मुश्किल

    25 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति के लिए गोकुल बैराज पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना है। यहां पानी शोधन करने के बाद शहर के पुराने वार्ड में सप्लाई होता है। गंगाजल परियोजना के तहत डैंपियर नगर में बनाई गई टंकी व पाइपलाइन में लीकेज के कारण जलापूर्ति प्रभावित रही है। पाइपलाइन में ही 45 लीकेज हैं। जलकल की इस रिपोर्ट के बाद इन लीकेज को सही कराया जा रहा है। ये लीकेज जलकल अधिकारियों की सालभर मुश्किल बढ़ाते रहे।