UP Politics: संभल की सच्चाई सामने नहीं आए इसलिए विपक्ष को रोका जा रहा, रामगोपाल यादव ने साधा भाजपा पर निशाना
Mainpuri News अलावलपुर में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने स्वर्गीय जगदीश सिंह यादव की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार पर भाईचारे को खत्म करने का आरोप लगाया। इस अवसर पर विधायक किशनी इंजीनियर बृजेश कठेरिया पूर्व एमएलसी अरविंद यादव पूर्व ब्लाक प्रमुख रामपाल यादव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
जागरण टीम, कुसमरा/मैनपुरी। कुसुमरा क्षेत्र के ग्राम अलावलपुर में प्रधान शिवम यादव के बाबा स्वर्गीय जगदीश सिंह यादव सूबेदार मेजर की प्रतिमा का अनावरण समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने किया।
प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा, कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने भाईचारे को.खत्म करने का काम किया है। संभल में अत्याचार किया जा रहा है। लेकिन विपक्ष के किसी नेता को जाने नहीं दिया जा रहा है, जिससे सच्चाई सामने नहीं आ सके कि मुसलमानों के साथ क्या हुआ और क्या हो रहा है।
किसानों की विरोधी है भाजपा
रामगोपाल यादव ने कहा, कि जनसंघ से आजतक किसानों की विरोधी रही है, उद्योगपतियों की ही पार्टी है। भाजपा को किसानों की समस्याओं से कोई लेना नहीं है। आज संतानें अपने माता-पिता बुजुर्गों को भूलती जा रही है, ऐसे में युवा प्रधान द्वारा अपने बाबा की मूर्ति को लगवाकर सराहनीय कार्य किया है। इससे पूर्व अतिथियों का प्रधान शिवम यादव व अंशू यादव ने चांदी का मुकुट, शॉल व साइकिल प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर विधायक किशनी इंजीनियर बृजेश कठेरिया ,पूर्व एमएलसी अरविंद यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख रामपाल यादव, संजीव मुंशी, बन्नी सिंह यादव, धर्मेद्र यादव,जितेंद्र यादव, प्रवेश यादव ,नरेंद्र यादव, मुकुल यादव,गम्भीर यादव, मोनू यादव,अनिल यादव,अनुज यादव,अवनीश प्रधान आदि उपस्थित रहे।
संभल में हुआ था बवाल, अधिकारी ने बताया कारण
जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर को लेकर चंदौसी सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह के आदेश का अनुपालन करने के लिए बेशक पुलिस और जिला प्रशासन, सर्वे की टीम के साथ था लेकिन मस्जिद के अंदर यह कार्य कर पाना बेहद चुनौती पूर्ण रहा क्योंकि 19 नवंबर को जैसे ही जिला प्रशासन के द्वारा मस्जिद के सदर और अन्य समिति के सदस्यों से सूचना देकर सर्वे करने सहमति ली गई थी तो कुछ चिह्नित लोगों को ही अंदर जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं और अनाधिकृत लोग भी अंदर घुसे। अत्यधिक भीड़ होने के चलते पहले दिन का कार्य अधूरा छोड़कर उसे स्थगित करना पड़ा। जिसकी वजह से ही 24 नवंबर को फिर से सर्वे करने का समय निर्धारित किया गया था।
ये भी पढ़ेंः गायत्री मंत्र पढ़कर मौलाना तौकीर रजा ने दिया सद्भावना का संदेश, कहा- 'सरकार अनुमति दे तो बांग्लादेश जाने को तैयार'
ये भी पढ़ेंः संभल हिंसा में यूपी पुलिस का समर्थन करने पर पत्नी को बोला काफिर, तीन तलाक दिया; एसएसपी से एक्शन की मांग
बवाल में घायल हुए थे 30 पुलिसवाले
भीड़ ने एकत्रित होना शुरू किया और पुलिस लिखे वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर फायरिंग की और पथराव कर दिया। इस घटना में पुलिस ने आंसू के गोले भी छोड़े। लेकिन उपद्रवियों ने पुलिस को निशाना बनाते हुए पत्थरबाजी कर दी। इस घटना में 30 पुलिसवाले घायल हुए थे। वहीं चार की मौत हुयी थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।