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    Mainpuri By Election 2022: बूथों तक सोशल इंजीनियरिंग करेगी BJP, इस फार्मूले के आधार पर जनाधार जुटाने का प्रयास

    By Dileep SharmaEdited By: Tanu Gupta
    Updated: Sat, 19 Nov 2022 04:56 PM (IST)

    Mainpuri By Election 2022 वर्गवार सम्मेलनों की तैयारी जातिवार भी होगा संपर्क। जातियों के हिसाब से भेजे जाएंगे नेता। पदाधिकारी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। सपा व्यापक स्तर पर प्रचार में जुटी।

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    पांच दिसंबर को है मैनपुरी में मतदान। फाइल फोटो

    मैनपुरी, दिलीप शर्मा। लोकसभा उपचुनाव में सपा के गढ़ को ढहाने के लिए भाजपा का पूरा जोर सोशल इंजीनियरिंग पर है। मुलायम सिंह के निधन के बाद हो रहे चुनाव में सपा को सहानुभूति का लाभ मिलने की संभावना और यादव मतों की बहुलता की चुनौती को भाजपा के रणनीतिकार भली-भांति समझ रहे हैं। ऐसे में वोटों की जातीय जुगलबंदी का दांव ही उनको सबसे प्रभावशाली लग रहा है। ऐसे में अब इस फार्मूले को बूथ स्तर तक अमल में जाने की रूपरेखा बनाई गई है। इसके लिए वर्गवार सम्मेलन होंगे और जातिवार भी मतदाताओं से संपर्क होगा। इसके लिए उन्हीं जातियों के नेता-पदाधिकारियों को लगाया जाएगा।

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    सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। मुलायम सिंह की विरासत और अपने गढ़ को बचाने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव सहित पूरा परिवार मैदान में उतरा हुआ है। सपा व्यापक स्तर पर प्रचार में जुटी है। चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ आने से सपा की रणनीति को और मजबूती मिली है। ऊपर से सपा लगातार चुनाव को मुलायम की यादों से जोड़ने में जुटी है।

    यह भी पढ़ेंः Mainpuri By Election 2022: पिछड़ों के सिर सवर्ण सजाएंगे ताज, सपा- भाजपा ने खेला है जातीय समीकण का दांव

    भाजपा के लिए जीत की देहरी है चुनौती

    भाजपा के सामने सपा की रणनीति को विफल कर जीत की देहरी तक पहुंचने की चुनौती है। इसके चलते ही भाजपा ने शाक्य प्रत्याशी का दांव खेला है। लोकसभा क्षेत्र में यादव मतों के बाद संख्याबल में दूसरे स्थान पर शाक्य मतदाता ही हैं। भाजपा की रणनीति विभिन्न जातियों को अपने पक्ष में लामबंद करने की है। इसके लिए अब बूथों स्तर पर वर्गवार सम्मेलनों की रूपरेखा बनाई गई है। युवा, महिला, लाभार्थी सहित अन्य वर्गों के अलग-अलग सम्मेलन हर बूथ पर कराएं जाएंगे। पिछला, अनुसूचित आदि वर्गों के मतदाताओं से अलग-अलग संपर्क भी साधा जाएगा। इसके लिए जातिवार नेताओं-पदाधिकारियों की सूची तैयार कराई जा रही है। इन सम्मेलनों व संपर्क कार्यक्रम में संबंधित वर्ग और जाति के हिसाब से ही नेताओं को लगाया जाएगा। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि यदि वह गैर यादव मतों को लामबंद करने में सफल रहे तो चुनाव में इतिहास रचा जा सकता है।

    इन वर्गों पर है जोर

    महिला, युवा, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी, किसान। इन जातियों पर है विशेष नजरगैर यादव पिछड़ा, दलित, सवर्ण।

    बूथों पर वर्गवार सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसकी रूपरेखा बनाई जा रही है। इस बार जन समर्थन भाजपा के साथ है और जीत मिलने जा रही है।

    प्रदीप सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष भाजपा