यूपी की एक ऐसी सीट, जहां मायावती को है भाजपा के प्रत्याशी घाेषित करने का इंतजार, जिताऊ चेहरे की पहेली नहीं सुलझा पाई BJP
Lok Sabha Election Mainpuri Seat अभी तक नहीं सुलझी मैनपुरी की पहेली भाजपा प्रत्याशी का लंबा हुआ इंतजार। होली से पहले जताई जा रही थी नाम घोषित होने की संभावना। बसपा भी कर रही है भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा की प्रतीक्षा। सपा ने इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखा है। 1996 से इस सीट पर सपा ने अपना कब्जा कायम रखा है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। लोकसभा चुनाव की गर्मी होली का त्योहार गुजरने के साथ ही बढ़ना शुरू हो गया है, परंतु मैदान में अब तक केवल समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी ही नजर आता है। भाजपा और बसपा के लड़ाकों के नाम अब तक तय नहीं हो सके हैं।
पूर्व में जल्द प्रत्याशी घोषित करने की बात कहने वाली भाजपा अब तक जिताऊ चेहरे की पहेली नहीं सुलझा पाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रत्याशी चयन में अभी और समय लग सकता है। दूसरी तरफ बसपा अपने पैनल तैयार किए बैठी है, परंतु उसे भी भाजपा प्रत्याशी का नाम सामने आने का इंतजार है।
लंबे समय से रहा है सपा वर्चस्व
मैनपुरी लोकसभा सीट पर लंबे समय से सपा का वर्चस्व चला आ रहा है। भाजपा इस बार इस सीट को जीतने के लिए ताकत झोंक रही है। संगठन अपनी तैयारी किए बैठा है और चुनाव संचालन समिति भी सक्रिय हो चुकी है, परंतु प्रत्याशी न होने से प्रचार रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक हाईकमान के निर्णय की प्रतीक्षा में बैठे हैं।
ये दावेदार हैं यहां
प्रत्याशी की दौड़ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, पूर्व प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य, सैफई परिवार के दामाद अनुजेश यादव, आरसीएल निदेशक मनोज यादव सहित कई नाम चर्चा में चल रहे हैं। अब बदायूं से सांसद डा. संघमित्रा मौर्य का टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों ने मैनपुरी से टिकट की संभावना को लेकर कयास लगाना शुरू कर दिया है। डा. संघमित्रा मौर्य 2014 में बसपा के टिकट पर मैनपुरी से चुनाव लड़ी थीं।
दूसरी तरफ पूर्व एयर चीफ मार्शल आरके एस भदौरिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके पर भी फिरोजाबाद और मैनपुरी सीट के लिए विचार होने की बात कही जा रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रत्याशी का नाम कभी भी घोषित हो सकता है, हालांकि नामांकन प्रक्रिया शुरू होने में अभी समय है।