एसपी गणेश साहा ने ऋषिकांत शुक्ला को किया पदमुक्त: मैनपुरी में ढाई महीने रहे CO
कानपुर के अखिलेश दुबे कांड के चलते आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीओ भोगांव ऋषिकांत शुक्ला निलंबित हो गए हैं। अगस्त में मैनपुरी आने के बाद उन्हें यह प्रभार मिला था, पर वे ढाई महीने ही पद पर रहे। शासन के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर बरेली से संबद्ध किया गया। उनके कार्यकाल में कोई विशेष कार्य नहीं हुआ, लेकिन अखिलेश दुबे मामले में नाम आने से वे चर्चा में रहे।

भाेगांव में सीओ रहे ऋषिकांत शुक्ला।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। कानपुर के अखिलेश दुबे कांड के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसने के बाद सीओ भोगांव ऋषिकांत शुक्ला निलंबित हो गए हैं। वह अगस्त में मैनपुरी आए थे। उनके आने के बाद उन्हें सीओ भोगांव का चार्ज दे दिया गया था। वह यहां करीब ढाई माह कार्यकाल ही बिता सके। उनके यहां आने से पहले ही अखिलेश दुबे कांड में उनका नाम सामने आ चुका था। इसलिए उनके चार्ज पर आने के बाद वह लोगों की निगाहों में आ गए थे।
ऋषिकांत शुक्ला को बरेली किया संबंद्ध
शासन के निर्देश पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीओ भोगांव ऋषिकांत शुक्ला को गोपनीय जांच के बाद निलंबित कर दिया गया। उन्हें बरेली संबंद्ध किया गया है। शासन से जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा द्वारा उन्हें पदमुक्त कर दिया गया।
20 अगस्त को मैनपुरी आए थे ऋषिकांत शुक्ला
निलंबित सीओ ऋषिकांत शुक्ला 20 अगस्त को मैनपुरी आए थे। करीब ढाई माह के अपने कार्यकाल के दौरान ऋषिकांत शुक्ला ने भोगांव में कोई उल्लेखनीय गुड वर्क नहीं किया। न ही यहां उनकी गतिविधियां संदिग्ध रहीं। वह यहां शांतिपूर्ण तरीके से अपना काम कर रहे थे। उनके यहां आने से पहले ही उनका नाम कानपुर के अखिलेश दुबे कांड में सामने आ गया था इसके बाद भी उन्हें सर्किल का चार्ज दे दिया गया। हालांकि इसका एक कारण यह भी रहा कि उस समय लाइन में कोई सीओ नहीं था।
चर्चा में रहे ऋषिकांत शुक्ला
जब लोगों को पता चला कि भोगांव सर्किल का चार्ज अखिलेश दुबे कांड में फंसे ऋषिकांत शुक्ला को मिला है तो लोगों में इसकी काफी चर्चा में हुई थी। अब सोमवार को जैसे ही उनके निलंबन की चर्चा इंटरनेट मीडिया पर फैली तो लोगों में फिर से उनके प्रति उत्सुकता दिखी।

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