पल-पल की खबर पर नजर, गांवों की चौपालें गुलजार
जागरण संवाददाता महोबा मतों की गिनती और उनका रुझान पाने के लिए गांवों में सुबह से ही च ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, महोबा : मतों की गिनती और उनका रुझान पाने के लिए गांवों में सुबह से ही चौपालों पर महफिलें सजने लगी थीं। जैसे ही कोई संदेशा आता तो लोग उसी ओर कान लगा कर हाल जानने की कोशिश करते। इधर मतगणना केंद्रों पर भीड़ न बढ़ाने के आदेश पर जनता दूर-दूर जमा थी। इन्हें संभालने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
गांव की सरकार बन रही थी। नया मुखिया कौन होगा इसको लेकर हर कोई उत्सुक था। जिले के चार केंद्रों पर मतगणना के दौरान अंदर और बाहर हर कहीं भीड़ दिख रही थी। जैसे ही कोई प्रत्याशी आगे-पीछे होता तो उसकी सूचना बाहर पहुंचाई जाती। बाहर बैठे लोग यह खबर अपने गांव को भेजते। इस तरह संदेशों का आदान प्रदान मतगणना केंद्रों से गांव तक पहुंच रहा था। गांव के हालात तो देखने वाले थे। यहां अलग-अलग लोगों के गुट बने अपने उम्मीदवार की चुनावी खबर पाने को बेताब थे। यह हालात किसी एक गांव के नहीं बल्कि छोटे मजरों से लेकर बड़ी न्याय पंचायतों तक के थे।

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