महोबा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना घोटाले का एक और आरोपित गिरफ्तार, भेजा जेल
महोबा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना घोटाले में शामिल एक और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह आरोपी लंबे समय से फरार था और इस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था।

जागरण संवाददाता, महोबा। महोबा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में करीब 40 करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया। इसमें मप्र, राजस्थान, बिहार, जालौन, बांदा व चित्रकूट सहित अन्य जनपदों के लोगों ने किसानों की जमीनों पर बीमा करा लिया और उनका भुगतान भी हो गया। जालसाजों ने वन विभाग, नदियों, पहाड़ों सहित चकरोडों की जमीनों पर भी पालिसी ले ली।
इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। शुक्रवार को थाना चरखारी में दर्ज मुकदमे में वांछित चल रहे आरोपित दिलीप कुमार निवासी प्रेमपुर थाना गिरवा बांदा को सेंट जेम्स इंटर कालेज अस्थौन रोड चरखारी से गिरफ्तार किया गया। थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि आरोपित को न्यायालय के समक्ष पेश करने के बाद जेल भेजा गया।
वहीं अब तक इस मामले में कुल पांच मुकदमे दर्ज कराए गए है। 27 अगस्त को बीमा कंपनी इफको टोकियाे के जिला प्रबंधक निखिल सहित 26 नामजद व अन्य पर मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था। चरखारी, कुलपहाड़ व थाना पनवाड़ी में भी चार मुकदमे दर्ज है। अब तक 12 आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। कृषि विभाग के बीमा पटल सहायक अतुलेंद्र विक्रम को भी निलंबित किया जा चुका है। 24 अगस्त को न्यायालय ने पांच आरोपितों की जमानत भी खारिज कर दी थी। 27 अगस्त को मुकदमा दर्ज होने के बाद अब तक बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक निखिल को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। उपनिदेशक कृषि रामसजीवन ने बताया कि अभी जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कराई जाएगी।
इस तरह किया गया फर्जीवाड़ा
फसल बीमा में फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने कंपनी से सांठगांठ कर ऐसे गांवों को चुना, जहां चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। बीमा करने के लिए पोर्टल (प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल) पर भू-स्वामी व बटाईदार अपना बीमा करा सकता है। चकबंदी प्रक्रिया वाले गांवों का डाटा प्रदर्शित नहीं होता, जिससे कोई भी 10 रुपये के स्टांप पर बटाईनामा बनवाकर जमीन पर बीमा करा सकता है। इसमें वह जो जानकारी भर देता है वह सही मानी जाती है। खाली स्टांप भी इसमें लगाया जा सकता है। उसी के कागजातों के आधार पर बीमा होता है। इसकी जांच बीमा कंपनी ही करती है। इसके बाद व्यक्ति टोल फ्री नंबर पर फोन कर नुकसान की जानकारी देता है। इसकी जांच भी बीमा कंपनी करती है और क्लेम पास कर भुगतान दे देती है। जाहिर है कहीं न कहीं बीमा कंपनी के लोग भी इसमें शामिल है। किसी भी मामले का सत्यापन नहीं किया गया। यदि सत्यापन कराया जाता तो शायद फर्जी भुगतान होने से बच जाता।
पूरे मामले की हो सीबीआई जांच
पूरे मामले में ठोस कार्रवाई को लेकर सदर तहसील में 74वें दिन भी जय जवान जय किसान संगठन का धरना जारी रहा। अध्यक्ष गुलाब सिंह व मनोहर ने बताया कि जिले में 40 करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया। लेकिन कार्रवाई की रफ्तार धीमी है। असल आरोपित अभी पकड़ से दूर है। इस पूरे मामले की एसआइटी व सीबीआई से जांच कराई जाए। ऐसा न होने तक उनका धरना जारी रहेगा।

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