UP News: फसल बीमा योजना में 40 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा, तीन आरोपी गिरफ्तार
महोबा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 40 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी भुगतान के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने चकबंदी वाले गांवों में क्षेत्रफल से अधिक फसल का बीमा कराकर भुगतान प्राप्त किया। बीमा कंपनी ने बिना सत्यापन के भुगतान कर दिया था। उपनिदेशक कृषि की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, महोबा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फर्जी तरीके से 40 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कराने के मामले में मंगलवार को पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। बीमा कराने वाले दूसरे जिलों के हैं, जिन्होंने चकबंदी वाले ग्रामों में क्षेत्रफल से अधिक का फसल बीमा करा भुगतान ले लिया था। बीमा कंपनी ने भी डाटा सत्यापन कराए बिना भुगतान कर दिया था। डीएम डॉ. गजल भारद्वाज ने तहसील स्तरों पर टीमें गठित कर जांच कराई थी।
बीते 27 अगस्त को उपनिदेशक कृषि रामसजीवन की तहरीर पर बीमा कंपनी इफको टोकियो के जिला प्रबंधक निखिल सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज किया गया था। फर्जीवाड़े में शामिल लोगों ने बीमा कंपनी से साठगांठ कर ऐसे गांवों को चुना जिनमें चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। बीमा करने के लिए पोर्टल पर भू-स्वामी व बटाईदार अपना बीमा करा सकता है।
चकबंदी प्रक्रिया वाले गांवों का डाटा प्रदर्शित नहीं होता, जिससे कोई भी 10 रुपये के स्टांप पर बटाईनामा बनवाकर किसी की भी जमीन से बीमा करा सकता है। इसमें वह जो जानकारी भर देता है, सही मानी जाती है। खाली स्टांप भी इसमें लगाया जा सकता है। उसी के कागजात के आधार पर बीमा होता है। इसकी जांच बीमा कंपनी ही करती है। बाद में फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति टोल फ्री नंबर पर फोन कर नुकसान की जानकारी देता है। इसकी जांच भी बीमा कंपनी करती है और क्लेम पास कर भुगतान दे देती है।
जाहिर है कहीं न कहीं बीमा कंपनी के लोग भी इसमें शामिल हैं। किसी भी मामले का सत्यापन नहीं कराया गया और 40 करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया गया। सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक मनीष पांडेय ने बताया कि मदनपाल राजपूत, बृजेंद्र सिंह राजपूत व नरसिंह उर्फ नीशु पटेल को राठ चुंगी मोड़ स्थित मंदिर के पास से पकड़ा गया है। तीनों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। विवेचना अभी जारी है। जल्द ही अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। उपनिदेशक कृषि रामसजीवन कहते हैं कि मामले की जांच अभी चल रही है।
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