पितरों की शांति के लिए कराएं भागवत कथा
जागरण संवाददाता महोबा शहर के डाक बंगला मैदान में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत पुराण क

जागरण संवाददाता, महोबा : शहर के डाक बंगला मैदान में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत पुराण कथा में हमीरपुर, बांदा, छतरपुर, झांसी, सतना, सागर सहित तमाम जनपदों के भक्त पहुंच रहे हैं। कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि पितरों की शांति के भागवत कथा अवश्य करानी चाहिए और मन से श्रवण भी करना चाहिए।
कथा के पांचवें दिन कथा श्रवण कराते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत पुराण में सभी ग्रंथों का सार है। यही एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें भगवान की सारी लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। जब सौभाग्य का उदय होता है तब भागवत कथा सुनने को मिलती है। यह ग्रंथ साक्षात भगवान का स्वरूप है। इसीलिए श्रद्धापूर्वक भागवत की पूजा की जाती है। इसको पढ़ने और श्रवण करने से मोक्ष सुलभ होता है। मन की शुद्धि के लिए इससे बढ़ा कोई साधन नहीं है। भागवत पाठ से सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। भागवत पुराण में 18000 श्लोक और 12 स्कंध हैं। भगवान का अर्थ भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, तारण है। इसलिए पितरों की शांति के लिए भागवत कथा का आयोजन कराना चाहिए। जिस परिवार के नाम से भागवत पुराण का पाठ होता है उस परिवार में भक्ति का प्रादुर्भाव स्वत: ही हो जाता है और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है, शत्रु स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं, मनुष्य को मान सम्मान की प्राप्ति होती है। कलयुग में घटने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी इस पुराण में बहुत पहले कर दी गई थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।